वाशिंगटन, 14 सितंबर (हि.स.)। आतंकवाद पर अंकुश न लगा पाने और वैश्विक संकट का बार-बार कारण बनने के बाद भी पाकिस्तान को अमेरिका की ओर से 45 करोड़ डॉलर की सैन्य सहायता दी गयी है। इस आर्थिक सहयोग पर सवाल उठने के बाद अमेरिकी नेतृत्व ने पाकिस्तान के लिए सैन्य सहायता दिये जाने को जायज ठहराया है।
अमेरिका ने बीते आठ सितंबर को पाकिस्तान को 45 करोड़ डॉलर की मदद का ऐलान किया था। एफ-16 लड़ाकू विमान कार्यक्रम के तहत यह राशि देने की बात कही गयी थी। पिछले चार सालों में वाशिंगटन की ओर से इस्लामाबाद को दी जाने वाली यह पहली बड़ी सुरक्षा सहायता है। अमेरिका के इस कदम की आलोचना हो रही है क्योंकि पाकिस्तान वैश्विक आतंकवाद की रोकथाम के लिए प्रभावी प्रयास नहीं कर रहा है। इस मसले पर अब अमेरिका की ओर से सफाई भी सामने आई है।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने बताया कि इस बाबत अमेरिकी संसद को बताया गया है कि अमेरिका ने पाकिस्तानी वायु सेना के एफ-16 विमानों की मरम्मत और रखरखाव के लिए 45 करोड़ डॉलर देने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि यह सहायता अमेरिका और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय संबंधों का अहम हिस्सा है। अमेरिकी सरकार ने कहा कि इन लड़ाकू विमानों के बेड़े से पाकिस्तान को आतंकवाद रोधी अभियान के संचालन में मदद मिलेगी।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता प्राइस ने कहा कि पाकिस्तान कई मामलों में अमेरिका का एक महत्वपूर्ण साझेदार है। वह आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में अमेरिका के लिए मजबूत दोस्त की तरह साथ खड़ा है। उन्होंने दावा किया कि अमेरिका अपनी नीति के तहत अमेरिकी उपकरणों की मरम्मत और रखरखाव के लिए सहायता उपलब्ध कराता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का एफ-16 कार्यक्रम अमेरिका-पाकिस्तान के द्विपक्षीय संबंधों का एक अहम हिस्सा है। इस मदद से पाकिस्तान को एफ-16 बेड़े की मरम्मत के लिए सहायता मिलेगी, जिससे वह आतंकवाद के वर्तमान और भविष्य के खतरों से निपट सकेगा।