नई दिल्ली, 12 सितंबर (हि.स.)। दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा है कि शेयरों के हस्तांतरण में फर्जीवाड़ा करने के आरोपित और स्पाइसजेट के प्रमोटर अजय सिंह के खिलाफ जांच पर कोई रोक नहीं है। जस्टिस अनूप कुमार मेंदीरत्ता ने ये स्पष्टीकऱण अजय सिंह की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। मामले की अगली सुनवाई 29 नवंबर को होगी।
हाई कोर्ट ने 7 अप्रैल को अजय सिंह की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगाई थी। दरअसल, दिल्ली के साकेत कोर्ट की एडिशनल सेशंस जज विनीता गोयल ने 30 मार्च को अजय सिंह की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। अजय सिंह के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसमें उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा था। जब वे पूछताछ के लिए पेश नहीं हुए तो गैर-जमानती वारंट जारी किया गया था। अजय सिंह ने दोनों एफआईआर के मामले में जारी गैर-जमानती वारंट पर रोक लगाने की मांग की थी।
सुनवाई के दौरान अजय सिंह की ओर से पेश वकील ने कहा था कि पुलिस ने उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाए हैं। वे जांच में शामिल होना चाहते थे लेकिन कोरोना प्रोटोकॉल की वजह से ऐसा नहीं हो पाया।
मामला दिल्ली के बिजनेसमैन संजीव नंदा का है। नंदा के मुताबिक उनके और अजय सिंह के बीच कुल 25 लाख शेयरों की खरीद का करार हुआ था। इन शेयरों के पैसे का भुगतान नंदा ने कर दिया था। ये शेयर नंदा के परिवार को ट्रांसफर करने थे लेकिन ये शेयर नंदा के परिवार को ट्रांसफर नहीं किए गए। उसके बाद नंदा ने पुलिस से शिकायत की। साकेत कोर्ट ने अजय सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया।