रांची, 10 सितंबर (हि.स.)। ज्यूडिशिएल एकेडमी में महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे अपराध की घटनाओं को लेकर शनिवार को आयोजित कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट जज जस्टिस एमआर शाह ने कहा कि क्राइम अगेंस्ट वूमेन के खिलाफ अब सख्त कदम समय की जरूरत है और कड़े तरीके से इससे निपटना भी जरूरी है।
एमआर शाह ने देश में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध की घटनाओं को लेकर कहा कि पिछले एक-दो दशकों में महिला अपराध की घटनाएं बढ़ी हैं। द्रौपदी एवं माता सीता का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जब उनके सम्मान पर चोट पहुंची थी तो पूरा साम्राज्य नष्ट हो गया था। उन्होंने कहा कि भ्रूण हत्या निरोधक कानून का सख्ती से पालन होना चाहिए। समाज को उच्च स्तर की शिक्षा देने की जरूरत है और समाज में जागरुकता भी लाना जरूरी है, ताकि महिलाओं के प्रति लोगो में सम्मान की भावना आए और उनके खिलाफ हो रहे अपराध की घटनाएं कम हो।
पुलिस अधिकारियों को महिलाओं के प्रति संवेदनशील बनने की नसीहत देते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारियों को भी महिला अपराध के मामलों के जल्द निपटारे के लिए आगे आना होगा। बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ में अब बेटी बुलाओ को भी जोड़ा जाना चाहिए। बेटी का स्वागत करना जरूरी है।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अनिरुद्ध बोस ने कहा कि महिलाओं के प्रति अपराध सदियों पुराना है लेकिन आज यह काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। इस पर अंकुश लगाने की जरूरत है। महिला अपराध से संबंधित जो भी मामले थाने में पहुंचते हैं, उन मामलों पर अविलंब कार्रवाई की जानी चाहिए। ऐसे में पुलिस को समाज में विश्वास पैदा करने की जरूरत है, ताकि महिलाएं निर्भीक होकर अपने खिलाफ हो रहे अत्याचार को पुलिस के समक्ष रख सकें।
महिलाओं का शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना तेजी से बढ़ा : डॉ रवि रंजन
झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन ने कहा कि महिलाओं के प्रति शारीरिक और मानसिक हिंसा, प्रताड़ना, यौन हिंसा के मामले देश में काफी तेजी से बढ़ रही हैं। लिंग आधारित हिंसा बढ़ने से समाज में महिलाएं खुद को असुरक्षित महसूस कर रही हैं। महिलाओं की स्वतंत्रता का हनन हो रहा है। पुरुष आधारित समाज के कारण महिलाओं के खिलाफ हिंसा में बढ़ोतरी हुई है। महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में दोषियों को कड़ा दंड मिलना चाहिए, ताकि समाज में ऐसी घटनाओं को अंजाम देने वालों में भय पैदा हो और समाज में कड़ा संदेश जाए। उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारियों को भी महिला अपराध से संबंधित मामलों में संजीदा रहने की जरूरत है।