नई दिल्ली, 05 सितंबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को राष्ट्रीय शिक्षक दिवस पर राष्ट्रीय पुरस्कार विजेताओं से बातचीत में कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनाने में हमारे शिक्षकों की बहुत बड़ी भूमिका रही है।
शिक्षक दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार शाम अपने आवास 7 लोक कल्याण मार्ग पर राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार, 2022 के विजेताओं से बातचीत की। उन्होंने कहा कि एक टीचर की भूमिका एक व्यक्ति को रोशनी दिखाने की होती है, वो सपने बोता है। 2047 में देश गढ़ने का काम वर्तमान और आने वाले 10 वर्षों में शिक्षा देने वाले के शिक्षक के हाथ है।
उन्होंने कहा, “देश भी आज नए सपने, नए संकल्प लेकर एक ऐसे मोड़ पर खड़ा है कि आज जो पीढ़ी है, जो विद्यार्थी अवस्था में हैं, 2047 में हिंदुस्तान कैसा बनेगा ये उन्हीं पर निर्भर होने वाला है। उनका जीवन आप शिक्षकों के हाथ में है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि 250 वर्ष तक हम पर राज करने वालों को पीछे छोड़कर देश आज दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। दुनिया की अर्थव्यवस्था में छठे स्थान से पांचवे स्थान में आने से ज्यादा आनंद उन्हें पीछे छोड़ने में आया है।
राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त सभी शिक्षकों को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि आज जब देश आज़ादी के अमृतकाल के अपने विराट सपनों को साकार करने में जुट चुका है, तब शिक्षा के क्षेत्र में राधाकृष्णन जी के प्रयास हम सभी को प्रेरित करते हैं।
प्रधानमंत्री ने पूर्व राष्ट्रपति और शिक्षाविद डॉ. राधाकृष्णन को उनके जन्म दिवस पर आदरांजली दी। उन्होंने कहा कि ये हमारा सौभाग्य है कि हमारे वर्तमान राष्ट्रपति भी शिक्षक हैं। उनका जीवन का प्रारंभिक काल शिक्षक के रूप में बीता।
राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार, प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत मेधावी शिक्षकों को सार्वजनिक मान्यता प्रदान करता है। इस पुरस्कार के लिए इस साल देशभर से 45 शिक्षकों का चयन, तीन चरण की एक कठोर और पारदर्शी ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से किया गया है।
राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार का उद्देश्य देश के बेहतरीन शिक्षकों के अद्वितीय योगदान को सेलिब्रेट करना और उनका सम्मान करना है, जिन्होंने अपनी प्रतिबद्धता और कड़ी मेहनत से न केवल स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया है बल्कि अपने छात्रों के जीवन को भी समृद्ध किया है।