-ग्वालियर, खजुराहो, ओरछा और मडला में रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म की विभिन्न परियोजनाओं का अवलोकन कर आईसीआरटी टीम भोपाल लौटी
भोपाल, 5 सितंबर (हि.स.)। इंटरनेशनल सेंटर फॉर रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म (आईसीआरटी) की टीम मध्य प्रदेश की ग्रामीण संस्कृति, स्थानीय लोगों के स्वभाव, प्रेम, स्वादिष्ठ व्यंजन, प्राकृतिक सौंदर्य सहित पुरातात्विक धरोहरों से काफी प्रभावित और अभिभूत हुई। पर्यटन बोर्ड की रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी (30 अगस्त से 10 सितंबर तक) में आईसीआरटी की टीम प्रदेश के भ्रमण पर है। ग्वालियर, ओरछा, खजुराहो, मडला और छतरपुर में रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म की विभिन्न परियोजनाओं का अवलोकन कर टीम सोमवार शाम को भोपाल लौटी।
आईसीआरटी के संस्थापक निदेशक और रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म पार्टनरशिप के प्रबंध निदेशक डॉ. हेरोल्ड गुडविन के नेतृत्व में यूके, दक्षिण अफ्रीका, फ्रांस, श्रीलंका आदि देशों से आए प्रतिनिधियों ने ओरछा का विश्व प्रसिद्ध लाडपुरा खास गाँव भी देखा। साथ ही खजुराहो के विश्व प्रसिद्ध मंदिरों एवं पन्ना जिला में स्थित मडला के जंगलों का भ्रमण किया। ग्रामीणों ने पारंपरिक रूप से माला पहनाई, तिलक लगाया, फाग गीत एवं भजन सुनाए। स्थानीय पेय एवं भोजन खिला कर गर्मजोशी से स्वागत किया। विदेशी मेहमान इस दौरान पूरी तरह से ग्रामीणों से घुल-मिल गए। होम स्टे, फार्म स्टे, महिलाओं के लिए सुरक्षित पर्यटन परियोजना, कौशल विकास सहित रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म में विभिन्न पर्यटन परियोजनाओं में ग्रामीणों, स्थानीय समुदाय एवं हितधारकों की सहभागिता से प्रभावित होकर आईसीआरटी प्रतिनिधियों ने कहा कि ग्रामीण पर्यटन के क्षेत्र में आप लोग हमारे देशों से काफी आगे हो।
टीम ने भ्रमण के दौरान प्रदेश में महिलाओं के लिए सुरक्षित पर्यटन स्थलों, होम स्टे, ग्राम स्टे, ग्रामीण पर्यटन, कृषि पर्यटन और युवाओं के कौशल इत्यादि पहलुओं पर चर्चा की। स्थानीय गाइड, होटल व्यवसायियों और महिलाओं के लिए सुरक्षित पर्यटन गंतव्य के लाभार्थियों सहित सभी हितधारकों से चर्चा कर सुझाव दिए। टीम ने कहा कि प्रदेश में लोगो ने अपनी संस्कृति को संजोए रखा है। व्यजंन, कला और शिल्प, होम स्टे सहित विभिन्न इकाइयों में भारत की महान संस्कृति की झलक दिखती है। इस विविधता को संरक्षित और संवर्धित रखते हुए पर्यटन का विकास होते देखना काफी सुखद अनुभव है।
विद्यार्थियों को सहयोग देने के लिए किया एमओयू
कौशल एवं टूरिज्म बोर्ड संचालक मनोज कुमार सिंह ने बताया कि एडीटीओआई के सहयोग से आयोजित इस संगोष्ठी में टीम 31 अगस्त, 2022 से मध्यप्रदेश के समृद्ध विरासत स्थलों और ग्रामीण पर्यटन के विकसित गाँव का दौरा कर रही है। सोमवार को छतरपुर स्थित श्री कृष्णा विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों को रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म के क्षेत्र में शैक्षणिक और तकनीकि सहयोग देने के लिए विश्वविद्यालय एवं टूरिज्म बोर्ड के बीच एमओयू भी किया गया है।
आईसीआरटी टीम के प्रतिनिधि
आईसीआरटी फाउंडर एवं निदेशक हेरोल्ड गुडविन के साथ टीम में ट्रांसफ्रंटियर पार्क्स डेस्टिनेशन के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी ग्लेन ओ’लेरी, एसोसिएट सदस्य आईसीआरटी अदामा बा, जेंडर रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म एसोसिएशन (जीआरटी) की संस्थापक इया पेडमोंटे उर्फ मारिया रोसारिया, हॉलिडेज इन रूरल इंडिया की लुसी सोफिया हार्टमैन, ब्रीथड्रीमगो ट्रेवल राइटर मारिएलेन वार्ड, श्रीलंका टूरिज्म प्रमोशन ब्यूरो की पूर्व एमडी चार्मरी मालगे, विलेज-वे की मनीषा पांडेय, उत्तराखंड पर्यटन की डिप्टी डायरेक्टर पूनम चंडी, ब्लॉगर लक्ष्मी शरत, संतोष ओझा आदि मौजूद रहे।
टीम का आगामी कार्यक्रम
संस्कृति, पर्यटन और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री उषा ठाकुर, पर्यटन और संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव एवं टूरिज्म बोर्ड के प्रबंध संचालक शिव शेखर शुक्ला तथा आईसीआरटी के संस्थापक निदेशक डॉ. हेरोल्ड गुडविन मंगलवार, 06 सितंबर को भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में कला एवं शिल्प प्रदर्शनी का उद्घाटन करेंगे।
अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी 7 सितंबर को और डब्ल्यूटीएम (वर्ल्ड ट्रैवल मार्केट) रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म इंडिया अवॉर्ड्स का आयोजन कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में होगा। टीम 8 एवं 9 सितंबर को ढाबा, चेड़का, सबरवानी, मढ़ाई और पचमढ़ी सहित गांवों का दौरा करेगी।