भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के लिए कई सारे प्रयासों की जरूरत
नई दिल्ली, 05 सितंबर (हि.स)। केंद्रीय वित्त मंत्री कहा कि कोरोना महामारी से उबरने के बाद भी दुनिया कई नई चुनौतियों का सामना कर रही है। भारत को वर्ष 2047 तक विकसित देश बनने के लिए बहुत सी चीजों को फिर से आकार देना होगा।
सीतारमण ने ‘अश्वमेध-एलारा इंडिया डायलॉग 2022’ को संबोधन के अवसर पर यह बात कही। वित्त मंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अपने संबोधन में कहा कि इस लक्ष्य को पाने के लिए डिजिटलीकरण, शिक्षा और बुनियादी ढांचा सबसे बड़े साधन हैं। सीतारमण ने कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों और कच्चे तेल पर अप्रत्याशित लाभ कर (विंडफॉल टैक्स) अपने आप नहीं, बल्कि उद्योग के साथ नियमित परामर्श के साथ वसूला जा रहा है। उन्होंने कहा कि कर आधार बढ़ाना एक प्रमुख मुद्दा है। ऐसा ज्यादा उचित ढंग से तथा तकनीक की मदद से किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि एक दिन पहले देश की अर्थव्यवस्था पर वित्त मंत्री ने कहा था कि इस साल सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) दहाई अंकों में बनी रहेगी। जीडीपी में बढ़ोतरी का मतलब यह है कि देश की अर्थव्यवस्था में आने वाले समय में और सुधार आएगा। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि देश में शिक्षा, स्वास्थ्य के साथ-साथ मूलभूत सुविधाओं में भी बढ़ोतरी होगी।