कोर्ट ने संजय राउत को दी संसदीय मामलों के संबंध में पत्रों पर हस्ताक्षर करने की अनुमति
मुंबई, 05 सितंबर (हि.स.)। मुंबई की विशेष कोर्ट ने कथित पत्राचाल घोटाले में शिवसेना नेता संजय राउत की न्यायिक कस्टडी 19 सितंबर तक बढ़ा दी है। विशेष कोर्ट ने संजय राउत को घर का भोजन, औषधि दिए जाने की सुविधा पूर्ववत जारी रखी है। साथ ही उन्हें संसदीय मामलों के संबंध में पत्रों पर हस्ताक्षर करने की अनुमति दे दी है।
संजय राउत को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जून महीने में गोरेगांव स्थित पत्राचाल कथित घोटाला मामले में गिरफ्तार किया था। इसके बाद कोर्ट ने राउत को दो बार ईडी कस्टडी में भेजा था, बाद में उन्हें न्यायिक कस्टडी में भेज दिया था। राउत की न्यायिक कस्टडी आज समाप्त हो रही थी, इसी वजह से ईडी ने उन्हें विशेष कोर्ट में पेश किया था। ईडी ने कोर्ट को बताया कि इस मामले की जांच चल रही है, इसलिए आरोपित को न्यायिक कस्टडी में रखना जरूरी है। इसी वजह से कोर्ट ने राउत की न्यायिक कस्टडी 19 सितंबर तक बढ़ा दी। संजय राउत ने जमानत के लिए आवेदन नहीं किया।
गोरेगांव के पत्राचाल में 672 परिवारों के पुनर्विकास के लिए मई 2008 में गुरु-आशीष कांस्ट्रक्शन की नियुक्ति की गई थी। इस कंपनी ने इस जगह का कुछ हिस्सा निजी बिल्डरों को बेच दिया। आशीष कंस्ट्रक्शन गोरेगांव पत्राचाल में 3000 फ्लैट बनाकर किरायेदारों को 672 फ्लैट देना चाहता था। बाकी फ्लैट म्हाडा और डेवलपर के बीच साझा किए जाने थे लेकिन 2010 में प्रवीण राउत ने गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन कंपनी के कुछ शेयर महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (एचडीआईएल) को बेच दिए।
इस संबंध में ईडी की जांच में खुलासा हुआ कि प्रवीण राउत के नाम पर एचडीआईएल से 100 करोड़ रुपये डायवर्ट किए गए। 2010 में इस वित्तीय घोटाले में 55 लाख की राशि प्रवीण राउत की पत्नी माधुरी राउत के खाते से वर्षा राउत के खाते में ट्रांसफर की गई थी। वर्षा राउत संजय राउत की पत्नी हैं। ईडी ने दावा किया कि वर्षा ने इस रकम का इस्तेमाल दादर में एक फ्लैट खरीदने में किया। इसी मामले में ईडी ने संजय राउत को गिरफ्तार किया है और मामले की गहन छानबीन जारी है।