मंगलुरु, 02 सितंबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को यहां कहा कि देश का विकास ईंजन अब पूरी क्षमता के साथ काम कर रहा है और उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना का असर उत्पादन क्षेत्र में साफ दिखाई दे रहा है। मोबाइल से लेकर खिलौना उद्योग तक देश का निर्यात बढ़ रहा है। इसका लाभ देश के तटीय क्षेत्रों को मिल रहा है जहां से निर्यात किया जाता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने आज मंगलुरु में लगभग 3800 करोड़ रुपये की लागत वाली यांत्रिकीकरण और औद्योगीकरण परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया। यहां विभिन्न विकास परियोजनाओं के शुभारंभ के अवसर पर प्रधानमंत्री ने जनसमुदाय को संबोधित किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से जिन पंच प्राणों की बात उन्होंने की है, उनमें से सबसे पहला है- विकसित भारत का निर्माण। विकसित भारत के निर्माण के लिए देश के उत्पादन क्षेत्र का, ‘मेक इन इंडिया’ का विस्तार करना बहुत आवश्यक है। उन्होंने बताया कि बीते वर्षों में देश ने ‘पोर्ट लीड डेवलपमेंट’ को विकास का एक अहम मंत्र बनाया है। इन्हीं प्रयासों का परिणाम है कि सिर्फ 8 वर्षों में भारत के पोर्ट्स की कैपेसिटी लगभग दोगुनी हो गई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हर चुनौती से पार पाते हुए भारत ने 418 बिलियन डॉलर यानी 31 लाख करोड़ रुपये के व्यापार निर्यात का नया रिकॉर्ड बनाया। कुछ दिनों पहले जीडीपी के आंकड़े आए हैं। यह दिखाते हैं कि भारत की कोरोना काल में बनाई गई नीतियां और निर्णय कितने महत्वपूर्ण थे। पिछले साल इतने वैश्विक व्यवधान के बावजूद भारत ने 670 बिलियन डॉलर यानी 50 लाख करोड़ रुपये का कुल निर्यात किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के विकास के साथ सरकार आर्थिक और समाजिक रूप से पिछड़े समुदाय के लिए बहुत से प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि जिनको आर्थिक दृष्टि से छोटा समझकर भुला दिया गया था, हमारी सरकार उनके साथ भी खड़ी है। छोटे किसान, व्यापारी, मछुआरे, रेहड़ी-पटरी-ठेले वाले करोड़ों लोगों को पहली बार देश के विकास का लाभ मिलना शुरू हुआ है और वे विकास की मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने डबल ईंजन सरकार को राज्यों के लिए लाभप्रद बताया। उन्होंने बताया कि कैसे कर्नाटक को केन्द्र की विभिन्न सरकारी परियोजनाओं का लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत देश के करीब 4 करोड़ गरीबों को अस्पताल में भर्ती रहते हुए मुफ्त इलाज मिल चुका है। इससे गरीबों के करीब 50 हजार करोड़ रुपये खर्च होने से बचे हैं। आयुष्मान भारत का लाभ कर्नाटक के भी 30 लाख से अधिक गरीब मरीज़ों को मिला है। पिछले 8 वर्षों में देश में गरीबों के लिए 3 करोड़ से अधिक घर बनाए गए हैं। कर्नाटक में भी गरीबों के लिए 8 लाख से ज्यादा पक्के घरों के लिए स्वीकृति दी गई है। जल जीवन मिशन के तहत सिर्फ 3 वर्षों में ही देश में 6 करोड़ से अधिक घरों में पाइप से पानी की सुविधा पहुंचाई गई है। कर्नाटक के भी 30 लाख से ज्यादा ग्रामीण परिवारों तक पहली बार पाइप से पानी पहुंचा है।
पिछले 8 वर्षों में देशभर में इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास को जिस प्रकार देश ने प्राथमिकता बनाया है, उसका बहुत अधिक लाभ कर्नाटक को मिला है। कर्नाटक सागरमाला योजना के सबसे बड़े लाभार्थियों में से एक है। मोदी ने कहा कि हम मछुआरों के कल्याण के लिए काम कर रहे हैं और उनकी आय बढ़ाने की दिशा में काम कर रहे हैं। मछुआरों को सब्सिडी और किसान क्रेडिट कार्ड सरकार द्वारा दी गई मदद के कुछ उदाहरण हैं।