पटना, 01 सितम्बर (हि.स.)। बिहार के पूर्व विधि मंत्री कार्तिकेय सिंह की जमानत याचिका को दानापुर कोर्ट ने खारिज कर दिया है। दानापुर कोर्ट ने अपहरण के मामले की सुनवाई करते हुए फैसले को सुरक्षित रखा था।कार्तिकेय कुमार के वकील जनार्दन राय ने अपनी बात रखने का समय मांगा था। इस पर जज ने उन्हें शाम तक का समय दिया था। शाम 4:30 बजे कोर्ट ने फैसला सुनाया।
दरअसल, पूर्व मंत्री कार्तिकेय कुमार की आज दानापुर कोर्ट में पेशी थी लेकिन वे पेश नहीं हुए। कार्तिकेय कुमार के वकील कोर्ट में बात रखी। लोक अभियोजक मोहम्मद कलाम अंसारी ने बताया कि कई बिंदुओं पर बहस के बाद कोर्ट ने कार्तिकेय कुमार की जमानत याचिका खारिज कर दी।
उल्लेखनीय है कि 2014 में राजीव रंजन को अगवा कर लिया गया था। इसमें अनंत सिंह और कार्तिकेय आरोपित हैं। इसके बाद कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए कार्तिकेय सिंह के खिलाफ कोर्ट ने वारंट जारी किया है। इस बीच कार्तिक कुमार उर्फ कार्तिकेय सिंह नीतीश कैबिनेट में राजद कोटे से कानून मंत्री बनाए गए। उन्होंने जिस दिन शपथ ली उसी दिन उन्हें कोर्ट में सरेंडर करना था।
इसे भाजपा ने मुद्दा बनाया और सरकार को घेरने का काम किया। सरकार पर बन रहे दबाव के बाद कानून मंत्री से हटाकर कार्तिक कुमार गन्ना उद्योग मंत्री का पद की जिम्मेदारी दी गयी। मुख्यमंत्री ने उनका विभाग ही बदल दिया। इसके कुछ घंटे बाद ही कार्तिक कुमार ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। कार्तिक के इस्तीफे के बाद राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक कुमार मेहता को गन्ना उद्योग विभाग का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।