नई दिल्ली, 28 अगस्त : भारत ने श्रीलंका के हम्बनटोटा बंदरगाह पर चीन के जासूसी पोत के मामले में भारत के खिलाफ श्रीलंका में चीन के राजदूत की टिप्पणी की कड़ी निंदा की है। भारत ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए चीन के जासूसी पोत यूवान वांग-5 को श्रीलंका के बंदरगाह पर आने का विरोध किया था, हालांकि श्रीलंका ने कुछ शर्तों के साथ इस पोत को आने की अनुमति दे दी थी।
कोलंबों में भारत के उच्चायोग ने कल एक कठोर वक्तव्य जारी कर कहा कि चीन के राजदूत ने राजनयिक मर्यादा का उल्लंघन किया है जो उनका व्यक्तिगत मत या उनके देश के रूख का परिचायक हो सकता है। वक्तव्य में कहा गया है कि श्रीलंका के उत्तरी पड़ोसी देश को लेकर चीन के राजदूत की टिप्पणी भले ही उनके देश की नीति से प्रभावित रही हो लेकिन भारत बिल्कुल अलग है।