शीर्ष न्‍यायालय ने कहा-निशुल्‍क वस्‍तुओं और सेवाओं के वायदे का अर्थव्‍यवस्‍था पर बडा प्रभाव पडता है

नई दिल्ली,3 अगस्त : उच्‍चतम न्‍यायालय ने केन्‍द्र सरकार, निर्वाचन आयोग, वरिष्‍ठ अधिवक्‍ता कपिल सिब्‍बल और याचिकाकर्ताओं से, वस्‍तुओं और सेवाओं के नि:शुल्‍क वितरण के विनियमन के बारे में विचार-विमर्श के लिए विशेषज्ञ निकाय के गठन पर एक सप्‍ताह के भीतर अपने सुझाव देने को कहा है। शीर्ष न्‍यायालय ने कहा है कि चुनाव प्रचार के दौरान राजनीतिक दलों के नि:शुल्‍क सेवाएं तथा वस्‍तुएं देने के वायदों पर नियंत्रण के लिए एक निकाय के गठन की आवश्‍यकता है, जिसमें नीति आयोग, वित्‍त आयोग, सत्‍ताधारी तथा विपक्षी दलों, रिजर्व बैंक और अन्‍य हितधारकों को शामिल किया जाए। उच्‍चतम न्‍यायालय चुनाव के दौरान नि:शुल्‍क वस्‍तुएं और सेवाएं उपलब्‍ध कराने के राजनीतिक दलों के वायदे के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था। प्रधान न्‍यायाधीश न्‍यायमूर्ति एन वी रमना की अध्‍यक्षता वाली पीठ ने कहा है कि निशुल्‍क वस्‍तुओं और सेवाओं के वायदे के नुकसान और फायदे को तय करने की आवश्‍यकता है, क्‍योंकि इसका अर्थव्‍यवस्‍था पर बडा प्रभाव पडता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *