बीजिंग, 27 जुलाई (हि.स.)। बड़ी-बड़ी वैज्ञानिक उपलब्धियों के तमाम दावों के बावजूद चीन रॉकेट लांच किये जाने के मामले में दुनिया के लिए मुसीबत बनता जा रहा है। पांच दिन पहले चीन से लांच किया गया एक और रॉकेट अनियंत्रित हो गया, जिसके धरती पर कहीं भी गिरने का खतरा माना जा रहा है। अभी पिछले साल ही चीन का एक रॉकेट क्रैश होकर हिंद महासागर में गिर चुका है।
चीन ने बीते रविवार को 21 टन का एक रॉकेट मार्च 5बी लांच किया था। हैनान स्थित वेनचांग लॉन्च साइट से लांच किया गया यह रॉकेट रॉकेट सौर ऊर्जा से चलने वाली नई लैब को लेकर रवाना हुआ था। इसमें वेनतियान एक्सपेरिमेंट मॉड्रयूल का प्रयोग हुआ था और इसे चीन के तियांगॉन्ग स्पेस स्टेशन तक जाना था। चीन के इस रॉकेट में लांचिंग के समय ही धमाका हो गया था। इस कारण यह अनियंत्रित हो गया और जल्द ही कहीं भी और कहीं भी धरती पर गिरने वाला है। ऐसे में इस अनियंत्रित रॉकेट ने दुनिया की चिंताएं बढ़ा दी हैं।
ऐसा पहली बार नहीं है कि चीन से भेजा गया रॉकेट क्रैश हो रहा है। पिछले साल ही एक चीनी रॉकेट क्रैश हो चुका है। पिछले वर्ष मई में भेजा गया चीनी रॉकेट अनियंत्रित होकर हिंद महासागर में गिर गया था। उसके मलबे की वजह से पर्यावरण को खासा नुकसान हुआ था। इस बार भी विशेषज्ञों को चिंता सता रही है कि धरती में दाखिल होते ही रॉकेट पूरी तरह से जल जाएगा। ये अचानक सतह पर आएगा और किसी अज्ञात जगह पर तेज रफ्तार से गिरेगा।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के प्रशासक बिल नेल्सन ने चीन पर गैर-जिम्मेदाराना रवैये का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि चीन जिम्मेदारी से मानकों को नहीं मान रहा है और अंतरिक्ष के मलबे को लेकर बहुत ही लापरवाह है। उन्होंने कहा कि चीन रॉकेट के फिर से धरती में दाखिल होने वाले खतरों को कम नहीं कर पा रहा है और न ही वो अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम को लेकर पारदर्शी है।