वाराणसी, 12 जुलाई (हि.स.)। ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी प्रकरण में मंगलवार को जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में सुनवाई हुई। प्रतिवादी मुस्लिम पक्ष ने याचिका की पोषणीयता (मेरिट) पर अपनी दलीलें रखीं।
प्रतिवादी पक्ष ने विशेष धर्म उपासना स्थल विधेयक-1991 का उल्लेख कर कहा कि 1947 में आजादी के समय धार्मिक स्थलों की जो स्थिति थी, उसमें कोई बदलाव नहीं किया जा सकता है। अदालत में प्रतिवादी पक्ष की दलीलें पूरी होने के बाद वादी पक्ष के अधिवक्ताओं ने भी अपनी बात रखी। अधिवक्ताओं ने कहा कि उनका वाद सुनवाई योग्य है और इस पर विशेष धर्म उपासना स्थल विधेयक-1991 लागू नहीं होगा। नमाज पढ़ने से कोई जगह मस्जिद नहीं हो जाती है। जिला जज डॉ. विश्वेश ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कहा कि बुधवार को भी सुनवाई होगी। सुनवाई में वादी पक्ष भी अपनी दलीलें पेश करेगा।
पिछली सुनवाई के दौरान प्रतिवादी पक्ष अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद के अधिवक्ताओं ने वादपत्र में दाखिल 51 बिंदुओं पर कोर्ट में सिलसिलेवार आपत्ति जताई थी। आज की सुनवाई में भी इसे जारी रखा। माना जा रहा है कि दोनों पक्षों की ओर से दलीलें पूरी होने के बाद अदालत पहले तय करेगी कि इस मामले की अदालत सुनवाई कर सकती है अन्यथा नहीं। इस मामले में फैसला होने के बाद सुनवाई योग्य मामला पाए जाने के बाद ही अदालत में सुनवाई होगी।