-प्रदेश के सभी जिलों में बनेंगे मॉड्यूल कंपोजिव स्कूल
-नाबार्ड के सहयोग से संचालित होंगे 5000 स्मार्ट क्लास
-स्कूल चलो अभियान के तहत 1.90 करोड़ छात्रों का नामांकन
लखनऊ, 10 जुलाई (हि.स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा निर्देशानुसार सौ दिवसों की कार्ययोजना के तहत उत्तर प्रदेश के प्राथमिक शिक्षा विभाग ने सफलतापूर्वक अपने लक्ष्यों को हासिल किया है। इसका परिणाम है कि स्कूल चलो अभियान को जनआंदोलन के रूप में लेते हुए एक करोड़ 90 लाख छात्रों का नामाकंन किया जा चुका है। साल 2017 से अब तक 40 लाख नए छात्रों को जोड़ा गया है।
ये बातें लोकभवन में बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से रविवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बेसिक शिक्षा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने बताई। उन्होंने कहा कि योगी सरकार ने छात्रों को न सिर्फ स्कूलों में दाखिला कराया बल्कि उनको शिक्षा से जोड़ते हुए अभिभावकों में एक विश्वास जगाया है। मंत्री ने दावा किया कि परिषदीय स्कूलों की सूरत में काफी बदलाव हुआ है। यही कारण है कि छात्रों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है।
संदीप सिंह ने कहा कि प्रेरणा पोर्टल पर छात्रों का प्रमाणीकरण भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 1.48 करोड़ अभिभावकों का आधार प्रमाणीकरण कर उनको डीबीटी के जरिए धनराशि भी दी जा चुकी है। परिषदीय स्कूलों में सभी नामांकित बच्चों का आधारीकरण किया जा रहा है। अभी तक विभाग की ओर से एक करोड़ दस लाख बच्चों का प्रमाणीकरण और एक करोड़ 66 लाख बच्चों का आधार कार्ड भी बनाया गया है। स्कूल चलो अभियान के तहत ईंट-भट्टों पर काम कर रहे बच्चों को शिक्षा से जोड़ने का काम किया गया है। इसके तहत 03 लाख 96 हजार से अधिक बच्चों को जोड़ा गया है। प्रदेश के 2 लाख 55 हजार से अधिक दिव्यांग बच्चों को शिक्षा से जोड़ा गया है।
बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि पांच सालों में 06 हजार करोड़ की धनराशि व्यय कर स्कूलों का कायाकल्प किया गया। प्रदेश में निपुण भारत मिशन के तहत कोविड काल में शिक्षा के गैप को दूर करने के लिए 22 हफ्तों का मॉड्यूल बनाया गया है, जिसको जनआंदोलन के रूप में शुरू किया जाएगा। कैशलेस चकित्सा सुविधा से छह लाख शिक्षकों शिक्षामित्रों को लाभ मिलेगा। योगी सरकार प्रदेश में प्राथमिक विद्यालयों के कायाकल्प के लक्ष्य को प्राप्त करने की ओर तेजी से अग्रसर है। ऑपरेशन कायाकल्य के तहत प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में निर्धारित समय-सीमा से पहले लक्ष्य को हासिल करने के लिए काम कर रही है। इस अभियान में जनप्रतिनिधि, स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ सभी राजपत्रित अधिकारियों के साथ विद्यालयों के पूर्व छात्रों का भी सहयोग स्कूलों के कायाकल्प अभियान में शामिल किया गया। इससे उत्तर प्रदेश के स्कूल देश के दूसरों प्रदेशों के समक्ष नजीर बने।
बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि नाबार्ड के सहयोग से आने वाले चार सालों में तीन बड़े कार्यक्रम शुरू करने जा रहे हैं। इसमें पहले कार्यक्रम में प्रदेश के सभी जिलों में एक-एक मॉड्यूल कंपोजिव स्कूल बनाएंगे, जिसमें एक से 12 तक के स्कूल एक जगह पर होंगे। इसके साथ ही अभ्युदय कंपोजिव स्कूल और नाबार्ड के सहयोग से 5000 स्मार्ट क्लास को संचालित करेंगे।