नई दिल्ली, 09 जुलाई (हि.स.)। एचडीएफसी के बाद सार्वजनिक क्षेत्र के इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) ने भी अपने ग्राहकों को जोरदार झटका दिया है। आईओबी ने विभिन्न अवधि के कोष की सीमांत लागत आधारित ब्याज दर (एमसीएलआर) में 0.10 फीसदी का इजाफा किया है। इस बढ़ोतरी के बाद बैंक से कर्ज लेना और महंगा हो जाएगा। नई दरें 10 जुलाई (रविवार) से लागू होंगी।
आईओबी ने शेयर बाजार को दी गई सूचना में बताया कि बैंक ने 10 जुलाई, 2022 से एमसीएलआर में संशोधन किया है। इस बदलाव के बाद बैंक की एमसीएलआर आधारित नई ब्याज दरें बढ़कर 6.95 फीसदी से 7.55 फीसदी तक हो जाएंगी। बैंक ने एक दिन के लिए एमसीएलआर को 0.10 फीसदी बढ़ाकर 6.95 फीसदी और 6 महीने की अवधि के लिए 7.50 फीसदी कर दिया है। एक साल की अवधि के लिए एमसीएलआर को 7.45 फीसदी से बढ़ाकर 7.55 फीसदी कर दिया है, जबकि 2 और 3 साल की अवधि के लिए एमसीएलआर 0.10 फीसदी बढ़ाकर 7.55 फीसदी हो गया है।
उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के रेपो रेट में इजाफा के बाद कई बैंकों ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर होम, ऑटो और कार लोन महंगा कर दिया है। दरअसल, एमसीएलआर आरबीआई की विकसित एक पद्धति है, जिसके आधार पर बैंक लोन के लिए ब्याज दर निर्धारित करते हैं। आरबीआई ने एक अप्रैल, 2016 से देश में एमसीएलआर शुरू किया था। इससे पहले सभी बैंक बेस रेट के आधार पर ही ग्राहकों के लिए ब्याज दर तय करते थे।