-16 जुलाई को मनाया जाएगा लोक पर्व हरेला
-ट्री प्रोटेक्शन एक्ट में होगा संशोधन
देहरादून, 04 जुलाई (हि.स.)। वन विभाग उत्तराखंड का लोक पर्व हरेला को यादगार बनाने की तैयारी में जुट गया है। हर वर्ष की तरह इस बार भी पौधरोपण के लिए व्यापक अभियान के तहत कुल 15 लाख पौध लगाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें 50 फीसद फलदार पौध लगाए जाएंगे। हरियाली का प्रतीक हरेला पर्व 16 जुलाई को मनाया जाएगा।
सोमवार को राजपुर रोड स्थित वन विभाग के मंथन सभागार में वन मंत्री सुबोध उनियाल ने हरेला पर्व को लेकर अधिकारियों संग बैठक की। बैठक में प्रदेश भर के डीएफओ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े रहे। इसके बाद वन मंत्री सुबोध उनियाल ने पत्रकारों को बताया कि हरेला पर्व को वृहद स्तर पर पौधरोपण अभियान चलाया जाएगा। प्रदेश के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री रहेंगे और जिलों में प्रभारी और संबंधित मंत्री के साथ अपने-अपने विधानसभा में विधायक इस अभियान का नेतृत्व करेंगे।
मंत्री ने बताया कि कुल 15 लाख पौधरोपण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इनमें 50 फीसद फलदार पौध लगाए जाएंगे। इस कार्य में गुणवत्ता से समझौता नहीं होगा। पैसे की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। वन विभाग टेक्निकल जिम्मेदारी पर काम करेगा। इसमें वन पंचायत के साथ,विभिन्न विभाग,स्कूल,उच्च शिक्षा के साथ स्थानीय लोगों को शामिल किया जाएगा। इसके लिए जिले के जिलाधिकारियों के माध्यम से विभागों से समन्वय बनाया जाएगा। इस संबंध में सभी डीएफओ को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।
मंत्री ने कहा कि फलदार पौध लगाने से लोगों को आजीविका भी मिलेगा और रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगी। इसे ध्यान में रखते हुए पहली बार हरेला पर फलदार पौध लगाने पर फोकस किया जा रहा है।
इस बार हरेला पर्व पर वन विभाग जलवायु और मिट्टी को ध्यान में रखते हुए पौध का चयन किया जाएगा। किस क्षेत्र में कौन सा पौध लग सकते हैं। इसके लिए योजना बनाई जा रही है। पौध को लगाना और उसे संरक्षण करना भी जिम्मेदारी होगी।
ट्री प्रोटेक्शन एक्ट में होगा संशोधन-
मंत्री ने कहा कि ट्री प्रोटेक्शन एक्ट में संशोधन किया जाएगा, जिससे पौधराेपण में गति मिल सके। इस नियम के तहत व्यक्ति की ओर से लगाए गए पेड़ों के कटान में कोई उलझ न आए। इस पर काम किया जाएगा ताकि लोग अधिक से अधिक पेड़ लगा सकें।
आबादी क्षेत्र में नहीं आएंगे जानवर-
विभागीय सचिव आरके सुधांशु ने कहा कि जिस प्रकार से जंगली जानवरों का आबादी क्षेत्रों में आने का सिलसिला शुरू हुआ है। उसको देखते हुए शासन स्तर पर इस बार फलदार पौधा लगाने का निर्णय लिया गया है। जिसमें 50 फीसद फलदार पेड़ लगाए जाएंगे ताकि जंगली जानवर आबादी क्षेत्रों में ना आ सके। इस बार पौधरोपण करने के बाद उसकी देखभाल और संरक्षण के लिए लिए विभागीय स्तर योजना बनाई जा रही है। बैठक में प्रमुख सचिव और विभागीय सचिव के अलावा प्रमुख वन संरक्षक विनोद कुमार सहित विभागीय अधिकारी शामिल रहे।