अगरतला, 02 जुलाई (हि.स.)। 107 टेरिटोरियल आर्मी के दो वीर जवान प्रशांत देब और संजय देबनाथ ड्यूटी के दौरान मणिपुर के टुपुल में बुधवार की देर रात को हुए भारी भूस्खलन में शहीद हो गए। शनिवार को पहले जवान संजय देबनाथ की शहादत पर पूरा राज्य शोक में था। एक अन्य जवान के शहीद होने पर त्रिपुरा के लोग बेहद गमगीन हो गये हैं। दो शहीद जवानों के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूटा है।
मणिपुर के टुपुल में निर्माणआधीन नए रेलवे स्टेशन के पास बुधबार की देर रात भूस्खलन हुआ। उस स्थान पर 107 टेरिटोरियल आर्मी का कैंप था। त्रिपुरा के दो वीर उस शिविर में सुरक्षा संभाल रहे थे। विशालगढ़ के बैयारदिघी कस्बा क्षेत्र के संजय देबनाथ और खोवाई जिला के कल्याणपुर निवासी प्रशांत देब की भूस्खलन में शहीद हो गए।
मणिपुर के नोनी जिला के टुपुल में हुए विनाशकारी भूस्खलन में कुल 82 लोग दब गये थे। जिसमें 18 लोगों को जिंदा बचा लिया गया, जबकि, शनिवार तक मिली जानकारी के अनुसार 27 लोगों की मौत हो चुकी है। जिसमें सैन्य कर्मी, रेलवे कर्मी और श्रमिक शामिल हैं। बताया गया है कि मलबे में अभी 35 से अधिक लोगों की तलाश की जा रही है। घटनास्थल का मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने दौरा कर स्थिति का जायजा लिया।
भूस्खलन इतना गंभीर था कि मलबा से इजाई नदी का मार्ग पूरी तरह से अवरूद्ध हो गया। नदी पर एक कृत्रिम बांध बन गया, जिसके चलते निचले इलाकों में रहने वालों के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है। कारण जब कभी मलबा हटेगा तो निचले इलाके में भारी पानी भर जाएगा। हालांकि प्रशासन नदी के मार्ग को 10 से अधिक जेसीबी की मदद से मलबा को हटाने में जुटा हुआ है। प्रशासनिक अधिकारियों ने आज कहा कि खराब मौसम के कारण बचाव अभियान को पूरा करने में दो से तीन दिन और लगेंगे।
गौरतलब है कि टुपुल स्टेशन के पास भारतीय सेना की 107 टेरिटोरियल आर्मी कैंप बुधवार आधी रात को हुए भूस्खलन में पूरी तरह से धस्त हो गया था। हादसे के बाद से राहत एवं बचाव कार्य जारी है। जिरीबाम से इंफाल तक निर्माणाधीन रेलवे लाइन को सुरक्षित करने के लिए टुपुल रेलवे स्टेशन के पास सैनिकों को तैनात किया गया था।
आज त्रिपुरा में एक के बाद एक दो जवानों के शहीद होने की खबर से उनके परिवार बिल्कुल टूट गए है। शहीद जवान प्रशांत देव की पत्नी रिंकू दास त्रिपुरा पुलिस में कार्यरत हैं। पति के शहीद होने की खबर मिलते ही वह बीमार हो गई। उसे अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टरों ने कहा कि वह सामान्य हैं। इस बीच संजय देबनाथ का परिवार भी सदमे में है। उनके पिता अपने बेटे के शहीद होने को स्वीकार नहीं कर सके। दोनों जवानों के शव रविवार को त्रिपुरा लाए जाएंगे।