करनाल/नई दिल्ली, 01 जुलाई (हि.स.)। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि दुनिया में भारत को कृषि क्षेत्र में अव्वल बने रहने के लिए उत्पादों की गुणवत्ता बनाए रखनी होगी। तोमर ने शुक्रवार को राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान (एनडीआरआई), करनाल (हरियाणा) के शताब्दी वर्ष समारोह का उद्घाटन करते हुए कहा कि अधिकांश कृषि उत्पादों के मामले में दुनिया में भारत पहले क्रम पर है, वहीं इस स्थिति में उत्पादों की गुणवत्ता बनाए रखना और भी आवश्यक है। दुग्ध उत्पादन की दृष्टि से भी भारत आज विश्व में अग्रणी अवस्था में है लेकिन हमें आगे भी निरंतर काम करते रहने की जरूरत है। इस बड़ी उपलब्धि में किसानों के परिश्रम व वैज्ञानिकों के अनुसंधान का अभूतपूर्व योगदान रहा है।
तोमर ने कहा कि आज हमारे देश में सभी प्रकार के साधन और ज्ञान-विज्ञान उपलब्ध हैं, ऐसे में आगे की प्रगति शीघ्रता से होना चाहिए, दस वर्ष का एक लक्ष्य रखा जाना चाहिए और समस्याओं का समाधान निरंतरता में किया जाना चाहिए। करनाल के एनडीआरआई सभागार में संकायों, कर्मचारियों, विद्यार्थियों व किसानों को संबोधित करते हुए तोमर ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में सिर्फ फसलों को नहीं, बल्कि पशुपालन को भी समान महत्ता के साथ देखना होगा, जो हमारी संस्कृति का अंग रहा है। पशुपालन के क्षेत्र में भी शोध का महत्व कृषि जितना ही है, इसीलिए एनडीआरआई की स्थापना की गई थी। जिस प्रकार कृषि में अनुसंधान करने वाले हमारे वैज्ञानिकों ने सफलतम कोशिश की है, उसी प्रकार पशुपालन संबंधी वैज्ञानिकों ने भी अनेक अनुसंधान किए हैं, जिनका प्रतिफल आज देश को मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 1923 में स्थापित, एनडीआरआई शिक्षण, अनुसंधान, विस्तार शिक्षा में अग्रणी संस्थान बन गया है। एनडीआरआई ऐसा संस्थान है, जिसकी अनेकानेक उपलब्धियों के कारण यह अतुलनीय है। उन्होंने एनडीआरआई के शताब्दी वर्ष के दौरान कार्यक्रमों के लिए आईसीएआर को पूर्ण सहयोग देने को कहा। तोमर ने कहा कि सौवें वर्ष में एनडीआरआई को देश के 100 गांव गोद लेकर पशुपालन विकास करना चाहिए, फिर यह गांव आसपास सकारात्मक प्रसार करेंगे।
उल्लेखनीय है कि इस कार्यक्रम में डेयर के सचिव व आईसीएआर के महानिदेशक डॉ. त्रिलोचन महापात्र वर्चुअल रूप से जुड़े और उद्बोधन में एनडीआरआई टीम को बधाई दी, वहीं उप महानिदेशक (पशु विज्ञान) डॉ. बी.एन. त्रिपाठी, एनडीआरआई के निदेशक डॉ. एम.एस. चौहान सहित अन्य अधिकारी, विद्यार्थी व किसान भी शामिल हुए। कार्यक्रम के पहले तोमर ने गणमान्य व्यक्तियों के साथ मिलकर पौधरोपण किया व ऑक्सीजन पार्क का उद्घाटन और पशुधन अनुसंधान केंद्र, पशु जैव प्रौद्योगिकी केंद्र और रेफरल प्रयोगशाला का अवलोकन किया एवं संस्थान की 100 साल की उपलब्धियों पर आधारित शताब्दी स्मारक स्तंभ का उद्घाटन किया।