मैसूर/नई दिल्ली, 20 जून (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि बीते 8 वर्षों में उनकी सरकार ने इस बात को प्राथमिकता दी कि ऐसी योजनाएं बनाई जायें जो समाज के सभी वर्गों, सभी क्षेत्रों को छूएं तथा उन तक पहुंचें। उन्होंने कहा कि एक तरफ हमने स्टार्ट अप नीति के तहत युवाओं को प्रोत्साहन दिया। वहीं किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि का पैसा भी दिया।
मैसूर के महाराजा कॉलेज ग्राउंड में एक सार्वजनिक समारोह में प्रधानमंत्री ने आज नागनहल्ली रेलवे स्टेशन पर उप-शहरी यातायात के लिए कोचिंग टर्मिनल की आधारशिला रखी। साथ ही अखिल भारतीय भाषण और श्रवण संस्थान (एआईआईएसएच) में संचार विकार से युक्त दिव्यांगों के लिए एक उत्कृष्टता केंद्र भी राष्ट्र को समर्पित किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते 7 दशकों में कर्नाटक ने अनेक सरकारें देखीं। देश में भी अनेक सरकार बनीं। हर सरकार ने गांव, गरीब, दलित, वंचित, पिछड़े, महिला, किसान के लिए बहुत सारी बातें कीं, कुछ योजनाएं भी बनाईं, लेकिन उनकी पहुंच और प्रभाव सीमित रहा। बीते 8 वर्षों में हमनें अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाकर सामाजिक न्याय को सशक्त किया है। गरीब को आज ये विश्वास हो रहा है कि जिस योजना का लाभ पड़ोसी को मिल चुका है, उसका लाभ आज नहीं तो कल उसे भी जरूर मिलेगा। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार दिव्यांगजनों की अन्य लोगों पर निर्भरता को कम करने के लिए कई प्रयास कर रही है। इसमें मुद्रा नोटों और सिक्कों पर नए फीचर शामिल करना तथा शिक्षा क्षेत्र में दिव्यांगों से जुड़े पाठ्यक्रम को अधिक समृद्ध बनाना शामिल है।
उन्होंने कहा कि कर्नाटक देश के उन राज्यों में से एक है जहां देश की आर्थिक और आध्यात्मिक संपन्नता दोनों के दर्शन एक साथ होते हैं। अपनी पुरातन संस्कृति को समृद्ध करते हुए हम कैसे 21वीं सदी के संकल्पों को सिद्ध कर सकते हैं, इसका कर्नाटक एक उत्तम उदाहरण है। इस धरती ने नलवाडी कृष्णा वोडेयार, सर एम विश्वेश्वरैया, राष्ट्रकवि कुवेंपु जैसे अनेक महान व्यक्तित्व देश को दिए हैं। ऐसे व्यक्तित्वों का भारत की विरासत और विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
प्रधानमंत्री ने बताया कि पिछले 8 सालों में केंद्र सरकार ने कर्नाटक राज्य में 5 हजार किलोमीटर के राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए 70 हजार करोड़ रुपये आवंटित किये हैं। आज बेंगलुरु में 7 हजार करोड़ के राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना की आधारशिला रखी गई है। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले 10 साल में कर्नाटक में सिर्फ 16 किमी रेल लाइनों का बिजलीकरण हुआ था। हमारी सरकार के दौरान 8 वर्षों में कर्नाटक में करीब 1,600 किमी रेल लाइन का विद्युतीकरण किया गया है।
इस वर्ष के योग दिवस के लिए मैसूर को चुनने का कारण बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मैसूर में इतिहास, विरासत और आधुनिकता का मेल चप्पे-चप्पे पर दिखता है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में अपनी विरासत का उत्सव मनाने और दुनिया के करोड़ों लोगों को हेल्दी लाइफ स्टाइल से जोड़ने के लिए इस बार मैसूर को चुना गया है।
उल्लेखनीय है कि नागनहल्ली रेलवे स्टेशन पर उप-नगरीय यातायात के लिए कोचिंग टर्मिनल 480 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया जाएगा। कोचिंग टर्मिनल में एक मेमू शेड भी होगा और मौजूदा मैसूर यार्ड से भीड़भाड़ कम होगी, जिससे मैसूर से अधिक मेमू ट्रेन सेवाओं और लंबी दूरी की ट्रेनों को चलाने में सुविधा होगी। इससे क्षेत्र की कनेक्टिविटी और पर्यटन क्षमता दोनों में सुधार होगा। इससे दैनिक यात्रियों के साथ-साथ लंबी दूरी के गंतव्यों की यात्रा करने वालों को भी लाभ होगा।
एआईआईएसएच में संचार विकार से युक्त दिव्यांगों के लिए एक उत्कृष्टता केंद्र अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं और संचार विकारों से युक्त दिव्यांगों के लिए निदान, मूल्यांकन और पुनर्वास सुविधाओं से सुसज्जित है।