बेंगलुरू/नई दिल्ली, 20 जून (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कर्नाटक में वातानुकूलित रेलवे स्टेशन सहित 27,000 करोड़ रुपये से अधिक की रेल और सड़क बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।
बेंगलुरु के कोम्मघट्टा में जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमने देश के उन हिस्सों में भी रेल को पहुंचाया है, जहां इसके बारे में कभी सोचना भी मुश्किल था। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में 5 नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट्स और 7 रेलवे प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास किया गया है। कोंकण रेलवे के शतप्रतिशत बिजलीकरण के महत्वपूर्ण पड़ाव के हम साक्षी बने हैं। ये सभी प्रोजेक्ट कर्नाटक के युवाओं, मध्यम वर्ग, किसानों, श्रमिकों, उद्यमियों को नई सुविधा देंगे, नए अवसर देंगे।
उन्होंने कहा कि बेंगलुरू को ट्रैफिक जाम से मुक्त बनाने के लिए डबल इंजन वाली सरकार रेल, सड़क, मेट्रो और अंडरपास, फ्लाईओवर के निर्माण सहित हर संभव साधन पर काम कर रही है। हमारी सरकार बेंगलुरु के उपनगरीय क्षेत्रों के साथ बेहतर संपर्क प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
प्रधानमंत्री ने बेंगलुरु उपनगरीय रेल परियोजना (बीएसआरपी) की आधारशिला रखी। यह बेंगलुरु शहर को उसके उपनगरों और उनसे जुड़ी टाउनशिप से जोड़ेगी। इस परियोजना को 15,700 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से तैयार किया जाएगा और इसमें 4 गलियारों की परिकल्पना की गई है जिनकी कुल लंबाई 148 किलोमीटर से अधिक है। प्रधानमंत्री ने बेंगलुरू कैंट और यशवंतपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास की भी आधारशिला रखी जिन्हें क्रमशः 500 करोड़ रुपये और 375 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जाएगा।
प्रधानमंत्री बैयप्पनहल्ली में भारत के पहले वातानुकूलित रेलवे स्टेशन- सर एम विश्वेश्वरैया रेलवे स्टेशन को राष्ट्र को समर्पित किया, जिसे लगभग 315 करोड़ रुपये की कुल लागत से आधुनिक हवाई अड्डे की तर्ज पर विकसित किया गया है। प्रधानमंत्री ने उडुपी, मडगांव और रत्नागिरी से इलेक्ट्रिक ट्रेनों को झंडी दिखाकर रोहा (महाराष्ट्र) से ठोकुर (कर्नाटक) तक कोंकण रेलवे लाइन (लगभग 740 किलोमीटर) के 100 प्रतिशत विद्युतीकरण को राष्ट्र को समर्पित किया। कोंकण रेलवे लाइन का विद्युतीकरण 1280 करोड़ से अधिक की लागत से किया गया है। प्रधानमंत्री ने दो रेलवे लाइनों के दोहरीकरण की परियोजनाओं-अर्सीकेरे से तुमकुरु (लगभग 96 किमी) और येलहंका से पेनुकोंडा (लगभग 120 किमी) के लिए यात्री ट्रेनों और एमईएमयू सेवा को हरी झंडी दिखाकर राष्ट्र को समर्पित किया। इन दो रेलवे लाइन दोहरीकरण परियोजनाओं को क्रमशः 750 करोड़ रुपये और 1100 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया गया है।
प्रधानमंत्री ने बेंगलुरू रिंग रोड परियोजना के दो खंडों की आधारशिला भी रखी। 2280 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित होने वाली इस परियोजना से शहर में यातायात की भीड़ को कम करने में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कई अन्य सड़क परियोजनाओं जैसे एनएच-48 के नेलामंगला-तुमकुर खंड को छह लेन का बनाना; एनएच-73 के पुंजालकट्टे-चारमाड़ी खंड का चौड़ीकरण; एनएच-69 के एक खंड का पुनर्वास और उन्नयन का भी शिलान्यास किया। इन परियोजनाओं में होने वाली संचयी लागत लगभग 3150 करोड़ रुपये है। प्रधानमंत्री ने लगभग 1800 करोड़ रुपये की लागत से बेंगलुरु से लगभग 40 किलोमीटर दूर मुद्दलिंगनहल्ली में विकसित किए जा रहे मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क की आधारशिला भी रखी। यह परिवहन, हैंडलिंग और द्वितीयक माल ढुलाई लागत को कम करने में मदद करेगा।