देहरादून, 19 जून (हि.स.)। केंद्रीय ग्राम विकास एवं पंचायती राज मंत्री के सामने रविवार को उत्तराखंड पंचायतीराज विभाग ने राज्य को प्रति विकास खण्ड एक कॉम्पेक्टर की दर से कुल 95 कॉम्पेक्टर स्वीकृत किए जाने की मांग रखी। इस पर प्रति कॉम्पेक्टर 5.50 लाख की दर से कुल 522.50 लाख का प्रस्ताव रखा गया।
पंचायती राज विभाग के निदेशक वंशीधर तिवारी ने बताया कि राज्य में प्लास्टिक कचरे एवं प्रबंधन के कार्य में कॉम्पेक्टर से गति आयेगी। विभाग द्वारा नवोन्मेषी योजना के तहत सभी 13 जिला पंचायतों में 2-2 जटायु मशीन की स्थापना का प्रस्ताव रखा गया। यह स्वदेशी तकनीक निर्मित मशीन है, जिसके प्रयोग से फुटपाथ आदि से सूखे एवं एवं गीला कूड़े का एकत्रीकरण कर सकता है।
वंशीधर तिवारी ने बताया कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में ग्राम पंचायत का कार्यालय पंचायत घर होना अनिवार्य है। राज्य की कुल 7791 ग्राम पंचायतों के सापेक्ष 5861 ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन क्रियाशील है और 846 ग्राम पंचायतों में पंचायत कार्यालय के रूप में पंचायत भवन की नितान्त आवश्यकता है। आरजीएसए के अन्तर्गत स्वीकृत दर 20 लाख प्रति पंचायत भवन की दर से 846 पंचायत भवनों के निर्माण के लिए 169.20 लाख आवंटन का प्रस्ताव है। इसी प्रकार राज्य की 5486 कम्प्यूटर विहीन ग्राम पंचायतों में कम्प्यूटरीकरण की आवश्यकता है।
उन्होंने बताया कि भारत नेट कार्यक्रम के प्रथम चरण में राज्य की 1516 ग्राम पंचायतों को नेशनल ऑप्टिकल फाइबर के माध्यम से इंटरनेट नेटवर्क से जोड़ा जा चुका है। ग्राम पंचायतों में कम्प्यूटर स्थापना के लिए आरजीएसए के अन्तर्गत स्वीकृत दर 50 हजार की दर से 5486 कम्प्यूटरों की अधिप्राप्ति के लिए कुल 2743.40 आवंटन का प्रस्ताव है। चूंकि पंचायत भवन निर्माण एवं ग्राम पंचायतों में कम्प्यूटरीकरण की मांग का आंकलन बृहद है उचित होगा कि इसे स्वीकृत करते हुए 3 वर्षों के लिए धनराशि का आंवटन स्वीकृत कर दिया जाए।
निदेशक ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह से अनुरोध करते हुए विभाग के कहा कि राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों एवं सीमित वित्तीय संसाधनों के दृष्टिगत पुनर्गठित राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के अर्न्तगत वित्तीय वर्ष 2022-23 में इन प्रस्तावों को स्वीकृत कर समस्याओं के निवारण में अहम भूमिका निभायेंगे। केंद्रीय ग्राम विकास एवं पंचायती राज मंत्री ने सभी मांगों पर सकारात्मक रवैया दिखाते हुए इन पर शीघ्र कार्रवाई का आश्वासन दिया।
Proposal Union Minister
देहरादून, 19 जून (हि.स.)। केंद्रीय ग्राम विकास एवं पंचायती राज मंत्री के सामने रविवार को उत्तराखंड पंचायतीराज विभाग ने राज्य को प्रति विकास खण्ड एक कॉम्पेक्टर की दर से कुल 95 कॉम्पेक्टर स्वीकृत किए जाने की मांग रखी। इस पर प्रति कॉम्पेक्टर 5.50 लाख की दर से कुल 522.50 लाख का प्रस्ताव रखा गया।
पंचायती राज विभाग के निदेशक वंशीधर तिवारी ने बताया कि राज्य में प्लास्टिक कचरे एवं प्रबंधन के कार्य में कॉम्पेक्टर से गति आयेगी। विभाग द्वारा नवोन्मेषी योजना के तहत सभी 13 जिला पंचायतों में 2-2 जटायु मशीन की स्थापना का प्रस्ताव रखा गया। यह स्वदेशी तकनीक निर्मित मशीन है, जिसके प्रयोग से फुटपाथ आदि से सूखे एवं एवं गीला कूड़े का एकत्रीकरण कर सकता है।
वंशीधर तिवारी ने बताया कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में ग्राम पंचायत का कार्यालय पंचायत घर होना अनिवार्य है। राज्य की कुल 7791 ग्राम पंचायतों के सापेक्ष 5861 ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन क्रियाशील है और 846 ग्राम पंचायतों में पंचायत कार्यालय के रूप में पंचायत भवन की नितान्त आवश्यकता है। आरजीएसए के अन्तर्गत स्वीकृत दर 20 लाख प्रति पंचायत भवन की दर से 846 पंचायत भवनों के निर्माण के लिए 169.20 लाख आवंटन का प्रस्ताव है। इसी प्रकार राज्य की 5486 कम्प्यूटर विहीन ग्राम पंचायतों में कम्प्यूटरीकरण की आवश्यकता है।
उन्होंने बताया कि भारत नेट कार्यक्रम के प्रथम चरण में राज्य की 1516 ग्राम पंचायतों को नेशनल ऑप्टिकल फाइबर के माध्यम से इंटरनेट नेटवर्क से जोड़ा जा चुका है। ग्राम पंचायतों में कम्प्यूटर स्थापना के लिए आरजीएसए के अन्तर्गत स्वीकृत दर 50 हजार की दर से 5486 कम्प्यूटरों की अधिप्राप्ति के लिए कुल 2743.40 आवंटन का प्रस्ताव है। चूंकि पंचायत भवन निर्माण एवं ग्राम पंचायतों में कम्प्यूटरीकरण की मांग का आंकलन बृहद है उचित होगा कि इसे स्वीकृत करते हुए 3 वर्षों के लिए धनराशि का आंवटन स्वीकृत कर दिया जाए।
निदेशक ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह से अनुरोध करते हुए विभाग के कहा कि राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों एवं सीमित वित्तीय संसाधनों के दृष्टिगत पुनर्गठित राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के अर्न्तगत वित्तीय वर्ष 2022-23 में इन प्रस्तावों को स्वीकृत कर समस्याओं के निवारण में अहम भूमिका निभायेंगे। केंद्रीय ग्राम विकास एवं पंचायती राज मंत्री ने सभी मांगों पर सकारात्मक रवैया दिखाते हुए इन पर शीघ्र कार्रवाई का आश्वासन दिया।