कुल 55 घंटे 57 मिनट चली सदन की कार्यवाही
-सत्र में छह महत्वपूर्ण विधेयक पारित किए गए
लखनऊ, 01 जून (हि.स.)। उत्तर प्रदेश विधानमंडल के बजट सत्र का मंगलवार को सत्रावसान हो गया। इस दौरान विधानमंडल के निम्न सदन विधानसभा में कुल 55 घंटे 57 मिनट तक कामकाज हुआ। सबसे खास बात यह रही कि इस बार विधानसभा की कार्यवाही एक बार भी बाधित नहीं हुई।
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने 18वीं विधानसभा के प्रथम सत्र की समाप्ति पर सदन के सदस्यों को धन्यवाद दिया। महाना ने बुधवार को विधान भवन के टंडन हाल में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि सभी दलीय नेताओं और सदस्यों ने सारगर्भित चर्चा में भाग लिया। इस सत्र में कुल छह महत्वपूर्ण विधेयक पारित किए गए। सभी सदस्यों ने विधेयकों के प्रस्तुतीकरण और विधि निर्माण में हिस्सा लिया।
अध्यक्ष महाना ने बताया कि सत्र में 08 उपवेशन हुए। सदन की कार्यवाही 55 घंटे 57 मिनट चली। 18वीं विधानसभा के प्रथम सत्र में सबसे अच्छी बात यह रही कि इसमें सदन बाधित नहीं हुआ। आठ दिन के उपवेशन में अल्पसूचित प्रश्न 03, तारांकित प्रश्न 439, अतारांकित प्रश्न 1524 प्राप्त हुए। जितने भी तारांकित प्रश्न प्रतिदिन लगाए गए थे, वह लगभग सभी ले लिये गये, जो कि अपने आप में एक रिकार्ड है। पिछली कई विधानसभाओं में 5-6 से ज्यादा प्रश्न नहीं लिए जा पाते थे।
इसी प्रकार नियम-51 एवं नियम-301 की सूचनाओं की संख्या भी इस सदन में बढ़ी है। नियम-301 के तहत 489 सूचनाएं प्राप्त हुईं। इनमें से 248 सूचनाएं स्वीकार की गईं। सामान्य रूप से 15 सूचनाएं ही स्वीकार की जाती थीं। इस सत्र में इससे दोगुनी एवं उससे भी अधिक सूचनाओं को जनहित में स्वीकार किया गया। नियम-51 में 753 सूचनाएं प्राप्त हुईं। उनमें से 330 सूचनाएं स्वीकार की गईं एवं 301 सूचनाओं के संदर्भ में शासन का ध्यान आकर्षित किया गया। नियम-51 के अन्तर्गत स्वीकार होने वाली इन सूचनाओं की संख्या भी पूर्व की तुलना में बहुत अधिक है। अतः इस सत्र में जनहित की सूचनाओं के लिए एक नया आयाम निर्धारित हुआ है।
महाना ने बताया कि कार्यस्थगन के नियम-56 के अन्तर्गत भी 36 सूचनाएं प्राप्त हुईं। उनमें से तीन सूचनाएं ग्राह्य की गईं एवं अन्य पर ध्यान आकर्षण किया गया। इस सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण एवं बजट पर बोलने वाले सदस्यों की संख्या भी उल्लेखनीय है। बजट पर मुख्यमंत्री एवं संसदीय कार्यमंत्री सहित सत्ता पक्ष के कुल 76 सदस्यों और प्रतिपक्ष से 49 सदस्य चर्चा में शामिल हुए। कुल मिलाकर 125 सदस्यों ने अपने विचार प्रकट किए।
राज्यपाल के अभिभाषण पर सत्ता पक्ष के कुल 68 सदस्यों एवं प्रतिपक्ष से 50 सदस्यों ने, यानी कुल 118 सदस्यों ने अपने विचार प्रकट किए। बजट भाषण पर सत्ता पक्ष की ओर से कुल 07 घंटा 41 मिनट एवं विपक्ष की ओर से कुल 06 घंटा 07 मिनट चर्चा की गई। इस प्रकार से 243 सदस्यों ने सदन को सम्बोधित किया। यह अपने आप में एक रिकार्ड है। सदन की कार्यवाही सामान्य रूप से आठ बजे रात तक अथवा उससे आगे भी संचालित की गयी। सदन के युवा सदस्यों को भी बोलने का अधिक से अधिक अवसर दिया गया।
इस सत्र में ई-विधान की व्यवस्था प्रारम्भ की गयी। विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि आश्चर्यजनक रूप से लगभग सभी सदस्यों ने नई तकनीक का उपयोग किया और ई-विधान के माध्यम से ही विधानसभा में अपनी कार्यवाही सम्पादित की। विधानसभा की कार्यवाही पहली बार लगभग पेपरलेस रूप से संचालित हुई। उल्लेखनीय है कि 23 मई से शुरू हुए राज्य विधानमंडल के बजट सत्र का 31 मई को सत्रावसान हो गया।