नई दिल्ली, 31 मई (हि.स.)। गायक सिद्धू मुसेवाला की हत्या में लॉरेंस बिश्नोई का नाम सामने आ चुका है। वह पंजाब के साथ-साथ दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, गुरुग्राम आदि जगहों पर अपने गैंग का विस्तार कर शासन-प्रशासन को सीधी चुनौती दे रहा है।
जेल सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि तिहाड़ जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई और हाशिम बाबा ने एक दूसरे से कोरोना महामारी के समय में एक-दूसरे से हाथ मिलाया था। उनकी यह दोस्ती रोहिणी कोर्ट में मारे गए गैंगस्टर जितेंद्र उर्फ गोगी ने करवाई थी। इसके बाद हाशिम और लॉरेंस बिश्नोई के निर्देश शाहरुख घटना को अंजमा दे रहा था।
स्पेशल सेल के सूत्रों ने बताया कि लॉरेंस बिश्नोई गैंग का सदस्य वीरेंद्र प्रताप उर्फ काला राणा थाईलैंड में है। सत्येंद्रजीत सिंह उर्फ गोल्डी बरार कनाडा में रह रहा है, जबकि गौरव पटियाला उर्फ लक्की अर्मेनिया में बैठा हुआ है। वे लोग विदेश से ही पूरी गैंग चला रहे हैं और पुलिस प्रशासन के लिये सिर दर्द बने हुए हैं।
कौन है गैंगस्टर शाहरुख
बीते अप्रैल माह में स्पेशल सेल ने शाहरुख को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद से वह तिहाड़ जेल में बंद है। उसके खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास, जबरन उगाही जैसे करीब 10 संगीन मामले दर्ज हैं। गिरफ्तारी के समय उस पर दो लाख रुपये का इनाम घोषित था। वह कुछ समय पहले तक दक्षिणी दिल्ली के कुख्यात गैंगस्टर शक्ति नायडू के लिए काम कर रहा था।
उप्र पुलिस द्वारा मुठभेड़ में शक्ति मारा गया, जिसके बाद से वह हाशिम बाबा के साथ जुड़ गया था। पुलिस को उसने पूछताछ में बताया था कि मुसेवाला की हत्या के लिए उसे जेल से निर्देश मिले थे। वह उसकी हत्या करने पंजाब गया था, लेकिन कड़ी सुरक्षा के चलते हत्या नहीं हो सकी। उससे मिली जानकारी को स्पेशल सेल ने पंजाब पुलिस के साथ साझा किया था।
दो गुटों में है गैंगस्टर
पुलिस सूत्रों की माने तो पंजाब से आपराधिक गतिविधियों को शुरू करने वाला लॉरेंस बिश्नोई कई राज्यों में अपना नेटवर्क फैला चुका है। इसके लिए उसने उन राज्यों के बड़े गैंगस्टरों से हाथ मिलाया है। हरियाणा से काला जठेड़ी, गुरुग्राम से सूबे गुर्जर, राजस्थान से आनंदपाल सिंह गैंग, उत्तर पूर्वी दिल्ली से हाशिम बाबा गैंग और राजस्थान से संपत नेहरा गैंग को उसने अपने साथ जोड़ रखा है।
वहीं दूसरी तरफ उसके विरोधी बंबीहा ने गुरुग्राम के कौशल चौधरी गैंग, बाहरी दिल्ली के सुनील उर्फ टिल्लू ताजपुरिया गैंग, नीरज बवानिया गैंग, उत्तर-पूर्वी दिल्ली के नासिर गैंग आदि से हाथ मिला रखा है। वे सभी गैंगस्टर दो टीम में बंटे हुए हैं और आपस में मिलकर दूसरी टीम के सदस्यों एवं साथियों की हत्या करते रहते हैं।