हैदराबाद/नई दिल्ली, 26 मई (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तेलंगाना राज्य समिति (टीआरएस) पर निशाना साधते हुए कहा कि आंध्र प्रदेश से पृथक तेलंगाना का गठन इसलिए नहीं हुआ था कि एक परिवार राज्य के विकास के सपनों को लगातार कुचलता रहे।
हैदराबाद में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि दशकों तक चले तेलंगाना आंदोलन में हजारों लोगों ने अपना बलिदान दिया था। ये बलिदान तेलंगाना के भविष्य के लिए था। ये बलिदान, तेलंगाना की आन-बान-शान के लिए था। उन्होंने तेलंगाना की केसीआर सरकार पर परिवारवाद का आरोप लगाते हुए कहा कि तेलंगाना आंदोलन इसलिए नहीं चला था कि कोई एक परिवार तेलंगाना के विकास के सपनों को लगातार कुचलता रहे। उन्होंने कहा कि परिवारवाद की वजह से देश के युवाओं को, देश की प्रतिभाओं को राजनीति में आने का अवसर भी नहीं मिलता। परिवारवाद उनके हर सपनों को कुचलता है, उनके लिए हर दरवाजा बंद करता है।
प्रधानमंत्री ने परिवारवादी पार्टियों पर हमला जारी रखते हुए कहा कि आज 21वीं सदी के भारत के लिए परिवारवाद से मुक्ति, परिवारवादी पार्टियों से मुक्ति एक संकल्प भी है। तेलंगाना के लोग देख रहे हैं कि एक परिवार को समर्पित पार्टियां जब सत्ता में आती हैं, तो कैसे उस परिवार के सदस्य भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा चेहरा बन जाते हैं। तेलंगाना के लोग देख रहे हैं कि परिवारवादी पार्टियां सिर्फ अपना विकास करती हैं, अपने परिवार के लोगों की तिजोरियां भरती हैं। उन्होंने कहा जिस-जिस राज्य से परिवारवादी पार्टियां हटी हैं, वहां वहां विकास के रास्ते भी खुले हैं। अब इस अभियान को आगे बढ़ने की जिम्मेदारी तेलंगाना की जनता की है। उन्होंने कहा कि आज के इस युग में भी जो लोग अंधविश्वास के गुलाम बने हुए हैं, वो अपने अंधविश्वास में किसी का भी नुकसान कर सकते हैं। ये अंधविश्वासी लोग तेलंगाना के सामर्थ्य के साथ कभी न्याय नहीं कर सकते।