क्वॉड बैठक में चीन की तानाशाही पर चिंता, अगला शिखर सम्मेलन ऑस्ट्रेलिया में

सभी देश मिलकर खोजेंगे चीन की अराजकता पर अंकुश की राह

-क्वॉड की पहल पर हिंद-प्रशांत क्षेत्र को प्रोत्साहन : मोदी

-एक संस्कृति खत्म करने की कोशिश कर रहे पुतिन : जो बाइडेन

-कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के हों सामूहिक प्रयास: अल्बानीज

-सहयोग बढ़ाने को ध्यान से सुनें एक दूसरे की आवाज: किशिदा

टोक्यो, 24 मई (हि.स.)। क्वाड्रीलेटरल सेक्योरिटी डायलॉग (क्वॉड) के सदस्य देशों भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के शीर्ष नेताओं की मंगलवार को हुई बैठक में चीन की तानाशाही पर चिंता जाहिर की गयी। अगले वर्ष शिखर सम्मेलन ऑस्ट्रेलिया में कराए जाने का फैसला हुआ।

क्वॉड शिखर सम्मेलन में चीन की तानाशाही को लेकर चिंता जाहिर करने के साथ उस पर अंकुश लगाने के तरीकों पर भी विचार विमर्श किया गया। शीर्ष नेताओं ने चीन द्वारा अपने पड़ोसी देशों को परेशान करने का मुद्दा भी उठाया। तय हुआ कि सभी देश मिलकर चीन की अराजकता पर अंकुश की राह खोजेंगे।

दो घंटे तक चली इस बैठक में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्वॉड की पहल पर हिंद-प्रशांत क्षेत्र को प्रोत्साहन मिलने की बात कही।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर पुतिन पर बरसे। उन्होंने कहा कि पुतिन एक संस्कृति को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। यह केवल यूरोप का मुद्दा नहीं है बल्कि वैश्विक मुद्दा है।

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेकर सीधे क्वॉड शिखर सम्मेलन में पहुंचे एंथनी अल्बानीज ने कहा कि उनकी सरकार क्वॉड के सदस्य देशों के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने पर बात की।

जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा ने कहा कि हमें आसियान, दक्षिण एशिया के साथ-साथ हिंद प्रशांत देशों की आवाजों को ध्यान से सुननी चाहिए ताकि सहयोग को और आगे बढ़ाया जा सके। यह सहयोग तत्काल मुद्दों को हल करने के अनुकूल होना चाहिए। अगला क्वॉड शिखर सम्मेलन अगले वर्ष ऑस्ट्रेलिया में आयोजित करने का निर्णय हुआ।

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