नई दिल्ली, 23 मई (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि भारत और जापान स्वाभाविक साझेदार हैं और व्यापारिक समुदाय दोनों देशों के संबंधों की अपार संभावनाओं के ब्रांड एंबेसडर हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने आज टोक्यो में जापानी व्यापार जगत के नेताओं के साथ एक गोलमेज बैठक की अध्यक्षता की। इस आयोजन में 34 जापानी कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों और सीईओ ने भाग लिया। इनमें से अधिकांश कंपनियों का भारत में निवेश और संचालन है। यह कंपनियां ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, अर्धचालक, इस्पात, प्रौद्योगिकी, व्यापार और बैंकिंग और वित्त सहित विविध क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करती हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मार्च 2022 में प्रधानमंत्री किशिदा की भारत यात्रा के दौरान, दोनों देशों ने अगले 5 वर्षों में 5 ट्रिलियन जापानी येन के निवेश का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया था। प्रधानमंत्री ने आर्थिक संबंधों में हाल के घटनाक्रमों पर प्रकाश डाला, जैसे कि भारत-जापान औद्योगिक प्रतिस्पर्धात्मकता भागीदारी (आईजेआईसीपी) और स्वच्छ ऊर्जा भागीदारी व अन्य। उन्होंने नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन (एनआईपी), प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम और सेमीकंडक्टर पॉलिसी जैसी पहलों के बारे में बात की और भारत के मजबूत स्टार्टअप इकोसिस्टम पर प्रकाश डाला।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वैश्विक एफडीआई में मंदी के बावजूद, भारत ने पिछले वित्तीय वर्ष में 84 बिलियन अमरीकी डालर का रिकॉर्ड एफडीआई आकर्षित किया है। उन्होंने इसे भारत की आर्थिक क्षमता का विश्वास मत करार दिया। उन्होंने भारत में जापानी कंपनियों द्वारा अधिक से अधिक भागीदारी को आमंत्रित किया और ‘जापान सप्ताह’ के रूप में भारत की विकास यात्रा में जापान के योगदान का जश्न मनाने का प्रस्ताव रखा।