BSE : एक दिन के कारोबार में निवेशकों के डूबे 5.31 लाख करोड़ रुपये

नई दिल्ली, 19 मई (हि.स.)। गुरुवार को भारतीय शेयर बाजार के कारोबार में आई जबरदस्त गिरावट के कारण कुछ ही घंटे में निवेशकों के 5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा पैसे डूब गए। शेयर बाजार में बीएसई के सेसेक्स ने आज 1,100 अंक से भी अधिक की गिरावट के साथ कारोबार की शुरुआत की और कारोबार के दौरान 1,539 अंक तक का अधिकतम गोता लगाकर 1,416.30 अंक की कमजोरी के साथ आज के कारोबार का अंत किया। आज के कारोबार में आई इस जोरदार गिरावट के कारण बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का मार्केट कैप 5.31 लाख करोड़ रुपये घटकर 250.61 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया।

आज का कारोबार शुरू होने के बाद पहले 2 घंटे के अंदर ही जोरदार बिकवाली की वजह से बीएसई का मार्केट कैप 255.73 लाख करोड़ रुपये से 4.73 लाख करोड़ रुपये घटकर 251 लाख करोड़ रुपये हो गया था। जैसे जैसे दिन का कारोबार आगे बढ़ा, वैसे-वैसे बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में शामिल कंपनियों के मार्केट कैप में भी गिरावट आती गई, जिसकी वजह से आज का कारोबार होने तक बीएसई में शामिल कंपनियों के मार्केट कैप में 5.31 लाख करोड़ रुपये की गिरावट आ चुकी थी।

शेयर बाजार के एक्सपर्ट्स का मानना है कि बाजार में लगातार आ रही जोरदार गिरावट की सबसे बड़ी वजह भारतीय अर्थव्यवस्था की अनिश्चितता वाली स्थिति है। फिलहाल भारतीय अर्थव्यवस्था के सामने एक साथ कई चुनौतियां खड़ी हैं। डॉलर के मुकाबले रुपया अपने सबसे निचले स्तर पर कारोबार कर रहा है। इसी तरह अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व महंगाई पर काबू पाने के लिए ब्याज दरों में वृद्धि करने की नीति पर चल रहा है। इसकी वजह से विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से पैसा निकालने में जुट गए हैं। इस बिकवाली ने रुपये पर तो दबाव बनाया ही है, भारतीय शेयर बाजार में भी जोरदार गिरावट की स्थिति बना दी है।

धामी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट प्रशांत धामी का मानना है कि विदेशी निवेशकों द्वारा बिकवाली जारी रखने से बाजार की मुश्किलें और बढ़ेंगी। इसके साथ ही महंगाई को काबू करने के लिए अमेरिकी फेडरल रिजर्व समेत दुनियाभर के केंद्रीय बैंक जिस तरह से ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर रहे हैं, उससे आने वाले दिनों में अर्थव्यवस्था में मंदी की आशंका भी बनेगी। रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के कारण भी दुनिया भर की अर्थव्यवस्था पर लगातार दबाव बना हुआ है। ये दबाव भी अर्थव्यवस्था को लगातार मंदी की ओर धकेल रहा है, साथ ही महंगाई दर को भी बढ़ावा दे रहा है।

प्रशांत धामी का कहना है कि ये सारी परिस्थितियां वैश्विक स्तर पर नकारात्मक माहौल बना रही हैं, जिसका असर भारत की अर्थव्यवस्था और भारतीय शेयर बाजार पर भी पड़ा है। उनका कहना है कि आने वाले दिनों में भारतीय शेयर बाजार में और भी गिरावट आने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। इसलिए निवेशकों को फिलहाल काफी सोच समझकर ही निवेश करना चाहिए।

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