मुंबई, 19 मई (हि. स.)। शिवसेना प्रवक्ता तथा राज्यसभा सदस्य संजय राऊत ने कहा कि देश में राजनीतिक दलों को धार्मिक मुद्दों की बजाय विकास के मुद्दों पर चुनाव लड़ने को तरजीह देना चाहिए। इससे आम जनता की समस्याओं का समाधान हो सकता है।
संजय राऊत ने गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि इस समय जिस तरह ज्ञानवापी मस्जिद, ताज महल के नीचे क्या है, देखा जा रहा है, उसी तरह भगवान शंकर के पवित्र स्थल कैलाश मानसरोवर को भी देखा जाना चाहिए। कैलाश मानसरोवर कहां है, उसका विकास किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस तरह से ज्ञानवापी और ताजमहल का नाम उछाला जा रहा है, इससे साफ हो गया है कि 2024 के चुनाव की तैयारी शुरू हो गई है लेकिन चुनाव धार्मिक मुद्दों की बजाय विकास के मुद्दों पर होना चाहिए। संजय राऊत ने भारतीय जनता पार्टी का नाम न लेते हुए कहा कि देश में धार्मिक उन्माद बढ़ाकर दंगे की तैयारी की जा रही है। दंगा करवाकर चुनाव लड़ने की बढ़ती प्रवृत्ति को टालना आवश्यक है।
संजय राऊत ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे पर तंज कसते हुए कहा कि उनकी भूमिका उत्तर भारतीय विरोधी थी। अचानक एक रात में पता नहीं क्यों उन्होंने अपनी पुरानी भूमिका बदल दी और हिंदुत्ववादी बन गए, अयोध्या जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश में राज ठाकरे का विरोध किया जा रहा है। विरोध करने वाले खुद पहलवान रह चुके हैं और वे आम जनता के बीच रहने वाले हैं। इसलिए राज ठाकरे का विरोध थमने वाला नहीं है। संजय राऊत ने कहा कि शिवसेना को लोगों को बताने की जरूरत नहीं है कि वे हिंदुत्ववादी हैं। राज्य ही नहीं देश की जनता जानती है कि हिंदुत्व शिवसेना की सांस है और इस सांस के बिना शिवसेना रह ही नहीं सकती है। इसलिए राज ठाकरे के हिंदुत्व अपनाने से शिवसेना को कोई नुकसान नहीं होगा।