रक्षा मंत्रालय की ओर से आयोजित कार्यक्रम में वरिष्ठ अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया
– राजनाथ सिंह ने कहा, युगों-युगों से चला आ रहा योग भारत की महानतम धरोहर
नई दिल्ली, 19 मई (हि.स.)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अगले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की तैयारियों के सिलसिले में गुरुवार को नई दिल्ली में हुए एक कार्यक्रम शामिल हुए। रक्षा मंत्रालय की ओर से आयोजित हुए इस कार्यक्रम में उन्होंने विभिन्न आसन करके सुखद और संतुलित जीवन के लिए लोगों से योगाभ्यास करने का आह्वान किया। उनके साथ मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों और आम लोगों ने भी योगाभ्यास किया।
अपने सम्बोधन में रक्षा मंत्री ने कहा कि युगों-युगों से चला आ रहा योग भारत की महानतम धरोहर है, जो लोगों के जीवन में नई ऊर्जा का संचार करता है। उन्होंने कहा कि योग मन को अनुशासित करता है और उसे स्वस्थ बनाता है। वह कर्तव्यों के पालन में दक्षता लाता है। योग केवल किसी खास समय पर किया जाने वाला व्यायाम नहीं है, बल्कि उसके पीछे यह तर्क भी है कि इससे दक्षता व सजगता के साथ दैनिक कार्यों को पूरा करने की शक्ति व प्रेरणा मिलती है। योग हमारे विचारों, ज्ञान, दक्षता और समर्पण को मजबूत बनाता है।
राजनाथ सिंह ने योग को परिभाषित करते हुए कहा कि यह मधुमेह, उच्च रक्तचाप, और अवसाद सहित विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का निदान करने का मार्ग है, क्योंकि योग आंतरिक संघर्ष और तनाव से छुटकारा दिलाता है। उन्होंने कोविड-19 महामारी का सामना करने में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए योगासनों और प्राणायाम के अमूल्य योगदान पर प्रकाश डाला। रक्षामंत्री ने सितंबर, 2014 में संयुक्त राष्ट्र आमसभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वक्तव्य का उल्लेख किया, जब उन्होंने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय का आह्वान किया था।
रक्षा मंत्री ने इस बात की प्रशंसा की कि संयुक्त राष्ट्र आमसभा ने स्वास्थ्य और आरोग्य की आमूल परिकल्पना के तौर पर योग को मान्यता दी। उन्होंने कहा कि जब से संयुक्त राष्ट्र आमसभा ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकार किया है, तब से ही सशस्त्र बल, भारतीय तट रक्षक, रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम और रक्षा मंत्रालय के सभी विभाग पूरे उत्साह के साथ इन समारोहों में हिस्सा लेते रहे हैं। इसके लिए राजनाथ सिंह ने सभी बलों-विभागों की प्रशंसा की। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे अपने सुखद और संतुलित जीवन की अभिलाषा पूरी करने के लिए योगाभ्यास करें।