नई दिल्ली, 18 मई (हि.स.)। केंद्रीय विद्युत मंत्री आरके सिंह ने राज्यों को पत्र लिखकर कहा है कि वे विद्युत उत्पादक कंपनियों (जेनकोस) को अपनी आवश्यकता के अनुरूप सम्मिश्रण के लिए कोयले के आयात के लिए तत्काल कदम उठाने को कहें।
मंत्री ने हरियाणा, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल को अलग-अलग पत्रों में चिंता व्यक्त की है कि इन राज्यों में कोयला आयात के लिए निविदा प्रक्रिया या तो शुरू नहीं हुई है या पूरी नहीं हुई है।
विद्युत मंत्रालय ने पहले राज्य जेनकोस को सम्मिश्रण उद्देश्यों के लिए कोयले की आवश्यकता का 10 प्रतिशत आयात करने की सलाह दी थी। राज्यों को सलाह दी गई थी कि वे 31 मई तक ऑर्डर दें ताकि 30 जून तक 50 प्रतिशत, 31 अगस्त तक 40 प्रतिशत और 31 अक्टूबर, 2022 तक शेष 10 प्रतिशत की डिलीवरी सुनिश्चित हो सके।
आरके सिंह ने आगे कहा कि राज्य के जेनकोस कोयला स्टॉक बनाने के लिए आरसीआर मोड के तहत पेश किए गए कोयले की पूरी मात्रा को तेजी से उठा सकते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी भी कारण से विफलता के मामले में कमी को पूरा करने के लिए अतिरिक्त घरेलू कोयला देना संभव नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि यदि आरसीआर आवंटन नहीं उठाया जाता है तो इसे अन्य जरूरतमंद राज्य जेनको को आवंटित किया जाएगा और यदि वर्तमान स्थिति जारी रहती है तो इससे राज्यों में मानसून के दौरान कोयले की कमी हो सकती है, जिससे राज्यों में बिजली आपूर्ति की स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि बिजली की मांग और खपत में वृद्धि के कारण कोयला आधारित उत्पादन का हिस्सा बढ़ा है और बिजली संयंत्रों द्वारा कुल कोयले की खपत में भी वृद्धि हुई है।
मानसून की शुरुआत से पहले बिजली संयंत्रों में न्यूनतम आवश्यक कोयला स्टॉक सुनिश्चित करने के लिए मंत्री ने निर्देश दिया है कि राज्य के जेनकोस और आईपीपी के स्वामित्व वाले ताप विद्युत संयंत्रों को पर्याप्त कोयला स्टॉक बनाए रखने के लिए सभी स्रोतों का उपयोग करना चाहिए।