नई दिल्ली, 18 मई (हि.स.)। वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर अभी विवाद जारी है। इस बीच दिल्ली विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर ने मस्जिद परिसर में मिले शिवलिंग को लेकर सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी। घटना के बाद सोशल मीडिया पर उनकी जमकर आलोचना होने लगी। लोगों ने आरोप लगाया कि प्रोफेसर रतन लाल ने जानबूझकर शिवलिंग का मजाक उड़ाया।
घटना के बाद उत्तर-पश्चिम जिला के एक सामाजिक कार्यकर्ता ने उत्तरी जिला के साइबर थाने में प्रोफेसर के खिलाफ धार्मिक विश्वास का अपमान और धार्मिक भावाओं को आहत करने का आरोप मामला दर्ज करवा दिया।
फिलहाल पुलिस ने आईपीसी की धारा 295ए और 153ए का मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। मामला दर्ज होने के बाद प्रोफेसर ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनका उद्देश्य किसी की धार्मिक भावनाओं को आहत करने का नहीं था।
सोशल मीडिया पर धमकियां मिलने के बाद रतन लाल ने अपने परिवार के लिए सुरक्षा की मांग करने के अलावा प्रधान मंत्री को पत्र लिखकर एके-56 राइफल का लाइसेंस मांगा है। दूसरी ओर उत्तर-पश्चिम जिले के साइबर सेल में एक वकील विनीत जिंदल ने भी प्रोफेसर रतन लाल के खिलाफ इसी तरह की शिकायत दी है।
पुलिस के मुताबिक शिकायतकर्ता शिवल भल्ला (38) परिवार के साथ ओल्ड गुप्ता कालोनी, मॉडल टाउन में रहते हैं। वह सामाजिक कार्यकर्ता है। अपने बयान में भल्ला ने बताया कि मंगलवार को वह किसी काम से नॉर्थ कैंपस आए थे। यहां आकर उनको पता चला कि हिंदू कॉलेज में इतिहास के प्रोफेसर रतन लाल ने फेसबुक पर वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद में मिले शिवलिंग के बारे में कुछ आपत्तिजनक टिप्पणी की हुई है। इसके बाद भल्ला ने फेसबुक पर रतन लाल की पोस्ट को देखा।
पोस्ट में शिवलिंग की फोटो भी, उसके आगे लिखा था कि ‘ यदि यह शिवलिंग है तो लगता है कि शायद शिवजी का भी खतना कर दिया गया था’। पोस्ट पढ़कर उनको बहुत गुस्सा आया। इसको पढ़ने के बाद उनकी और देश के करोड़ों लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई। इसकी वजह से उनको मानसिक ठेस भी पहुंची। रतन लाल के पोस्ट से सामाजिक सौहार्द बिगड़ सकता है।
भल्ला ने अपनी शिकायत में रतन लाल के अकाउंट की डिटेल भी शेयर की है। पुलिस उपायुक्त सागर सिंह कलसी ने बताया कि मंगलवार को शिकायत मिलने के बाद रतन लाल के खिलाफ मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी गई है।
मामले पर रतन लाल ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मंदिर में शिवलिंग है या कुछ और इसके बारे में मौलवी, पंडित या इतिहासकार ही टिप्पणी कर सकते हैं। परिसर से बरामद शिवलिंग ऊपर से कटा हुआ प्रतीत होता है। ऐसा लगता है कि जब इसका निर्माण कराया गया होता को चिढ़ाने की नियत से शायद मुस्लिम शासकों ने शिवलिंग को ऊपर से काट दिया।
इसे देखकर ऐसा ही लगता है कि जैसे उसकी खतना कर दिया गया हो। रतन लाल ने बताया कि पोस्ट के बाद से लगातार धमकियां मिल रही है। रतन लाल ने अपने व परिवार के लिए सुरक्षा की मांग की है। इसके अलावा प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर रतन लाल ने अपनी सुरक्षा के लिए एके-56 का लाइसेंस देने की मांग की है।