इस्लामाबाद, 17 मई (हि.स.)। पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर साल 2019 में पंजाब प्रांत के सोहावा में शुरू किए गए अब्दुल कादर विश्वविद्यालय को अनुचित लाभ पहुंचाने का आरोप लगाते हुए जांच के आदेश दिए हैं। आरोप है कि इमरान खान ने अपने कार्यकाल के दौरान विश्वविद्यालय को धन और जमीन के मामले में अनुचित लाभ पहुंचाया।
अब्दुल कादर विश्वविद्यालय का 2019 में शिलान्यास इमरान खान ने किया था। उन्होंने कहा था कि यह विश्वविद्यालय दान में मिले पैसों से संचालित होगा। इमरान पर लगे आरोपों के संदर्भ में रक्षामंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ ने सोमवार को नेशनल असेंबली में कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री की पत्नी बुशरा बीबी और उनकी दोस्त फराह गोगी विश्वविद्यालय की ट्रस्टी हैं।
आसिफ ने इमरान खान के खिलाफ जांच की घोषणा करते हुए दावा किया कि उन्होंने नकद और जमीन के मामले में विश्वविद्यालय को करीब 50 करोड़ रुपये नकद और 450 कनाल जमीन दी है। उन्होंने अपनी पत्नी फराह को भी 200 कनाल जमीन दी है। विश्वविद्यालय के विज्ञान विभाग में सिर्फ 32 छात्र पढ़ रहे हैं। एक आवास योजना के मालिकों को 45 अरब रुपये का अनुचित लाभ देने के एवज में इमरान खान को नकद और जमीन के रूप में यह लाभ मिला।
आसिफ ने कहा कि ब्रिटेन की राष्ट्रीय अपराध एजेंसी (एनसीआई) ने यूके में बहरिया टाउन के मालिक मलिक रियाज हुसैन के स्वामित्व वाले 15 करोड़ पाउंड के अस्पष्टीकृत धन का पता लगाया। यह राशि रिकवरी कर अर्जित की गई। इसे बाद में पूर्व की पाकिस्तान सरकार को भेज दिया गया। तत्कालीन प्रधानमंत्री के कहने पर आवास योजना के मालिक पर पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाए गए जुर्माने के खिलाफ राशि को समायोजित किया गया।