गोवा, 13 मई (हि.स.)। केरला ब्लास्टर्स एफसी के खिलाफ खिताबी मुकाबले में गोलरहित ड्रॉ खेलते हुए बेंगलुरू एफसी ने गुरुवार को रिलायंस फाउंडेशन डेवलपमेंट लीग (आरएफडीएल) के पहले संस्करण का खिताब जीत लिया। इस मैच का परिणाम इस बात का सबूत है कि दोनों टीमें दमखम के लिहाज से बराबर हैं और सही मायने में नेक्स्ट जेन कप में खेलने की हकदार हैं। अब दोनों टीमें इस साल के अंत में ब्रिटेन में होने वाले नेक्स्ट जेन कप में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी।
बेंगलुरू को लीग ताज हासिल करने के लिए केरल के खिलाफ हार से बचना था, और यहां खचाखच भरे बेनॉलिम मैदान पर 90 मिनट से अधिक समय तक ब्लूज़ नाम से मशहूर इस टीम ने अपने प्रतिद्वंद्वियों को रोके रखने में कामयाबी हासिल की। केरला ने अपने सात मैचों का सफर 16 अंकों के साथ समाप्त किया। बेंगलुरु ने इस लीग में 19 अंकों के साथ सफर समाप्त किया और एकमात्र नाबाद टीम रही।
बेंगलुरु के कोच नौशाद मूसा ने मैच के बाद कहा, “मैं इस अद्भुत मंच के लिए रिलायंस को धन्यवाद देना चाहता हूं। सभी टीमें बहुत प्रतिस्पर्धी थीं। इस टूर्नामेंट ने वास्तव में हमें खिलाड़ियों के स्तर को समझने के लिए कुछ प्रतिस्पर्धी खेल हासिल करने में मदद की। यह कोचों के लिए भी एक अच्छा मंच है।”
मूसा ने आगे कहा, “मैं केरला टीम को बधाई देना चाहता हूं। यह टीम शानदार खेली। निश्चित तौर पर वे सर्वश्रेष्ठ टीम थे। मेरे लड़के जिस तरह पूरे टूर्नामेंट में खेले, उस पर मुझे उन पर गर्व है।”
बेंगलुरु के कप्तान नामग्याल भूटिया ने कहा, “यह दो साल बाद हमारी पहली ट्रॉफी है। मैं टीम के लिए बहुत खुश हूं। इस टूर्नामेंट ने हमें एक इकाई के रूप में विकसित करने में मदद की है। हम नेक्स्ट जेन कप के लिए क्वालीफाई करने के लिए बहुत उत्साहित हैं। हम करने की कोशिश करेंगे अच्छा वहां भी।”
केरला ब्लास्टर्स के कोच टोमाज टचोर्ज़ ने अच्छे प्रदर्शन के लिए अपनी टीम की प्रशंसा की, साथ ही इस बात पर भी जोर दिया कि आरएफडीएल जैसे टूर्नामेंट से खिलाड़ियों को खेल का अधिक समय मिलता है।
पोलिश कोच ने कहा, “हम बहुत अच्छा खेले। प्रतिद्वंद्वी पर हावी रहे, और बहुत सारे मौके बनाए। हम सर्वश्रेष्ठ टीम थे और हमारे पास सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी थे। बेंगलुरु भी एक अच्छी टीम है। इस तरह के टूर्नामेंट खिलाड़ियों के लिए अधिक गेम टाइम पाने में मदद करते हैं।”
बेंगलुरू एफसी के स्ट्राइकर राहुल राजू ने अपने नाम सात मैचों में सात गोल किए। सबसे अधिक गोल करने के लिए गोल्डन बूट पुरस्कार उनको मिला। जबकि मिडफील्डर बेकी ओरम को प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट के लिए गोल्डन बॉल पुरस्कार दिया गया। केरल के सचिन सुरेश ने छह साफ बचाव के साथ गोल्डन ग्लव्स पुरस्कार जीता।