धर्मशाला, 12 मई (हि.स.)। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व विकेटकीपर एवं 1983 विश्व क्रिकेट कप की जीत का हिस्सा रहे सैय्यद किरमानी धौलाधार की वादियों में पंहुचे हैं। किरमानी ने अपने इस दौरे के दौरान वीरवार को धर्मशाला के उपरी क्षेत्र लूंटा की निजी कैंप साइट रक्कड़ का उद्घटान किया। उद्घाटन कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि धर्मशाला आकर बहुत अच्छा महसूस कर रहा हूं। यहां के लोग खुशकिस्मत है क्योंकि यहां धर्मगुरू दलाई लामा निवास करते हैं। इसके अलावा सबसे खूबसूरत क्रिकेट स्टेडियम भी धर्मशाला में ही है। उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि दलाई लामा से उनकी मुलाकात हो सके।
विश्वकप पर बनी फिल्म ‘83’ को लेकर उन्होंने कहा कि फिल्म में मेरे और कपिल देव के बीच हुए कई संवादों को काट दिया है। लेकिन बहुत अच्छी फिल्म बनी है। उन्होंने विश्वकप को याद करते हुए कहा कि हमें खुद पता नही चला कैसे विश्व कप जीत गए। 1983 में भारत की टीम सबसे कमजोर टीमों में गिनी जाती थी। टीम के कई लोग विश्वकप के नाम पर केवल मजे करने गए थे। कुछ सदस्य हनीमून तो कुछ मजे करने की बातें कर रहे थे। लेकिन मैच के दौरान जो मेहनत की उसके सार्थक परिणाम आए।
उन्होंने बताया कि जिम्मवाबे के खिलाफ हमारा मैच बहुत अच्छा हुआ था। स्थिति ये थी कि हम दोनों टीमों को विश्वकप की सबसे कमजोर टीम मानकर कई लोगों ने कवर ही नही किया।
विश्व कप के लिए खेले गए फाइनल मैच में कपिल देव के साथ 126 रनों की साझेदारी हुई। अगर वो साझेदारी न होती तो हम मैच जीतने की सोच भी नहीं सकते थे। मैच में कपिल देव ने जो पारी खेली थी वह ऐतिहासिक थी आज तक कपिल देव जैसी पारी किसी ने नही खेली।
क्रिकेट के मौजूदा हालात पर उन्होंने कहा कि अब क्रिकेट बदल गया है। आईपीएल से खूब मनोरंजन हो रहा है और होनहार खिलाड़ी भी निकल रहे हैं। उन्होंने कहा कि उस दौर और मौजूदा दौर में बड़ा परिवर्तन देखने को मिलता है हर मैच में नया फिनिशर आ रहा है।
वहीं उन्होंने युवा खिलाड़ियों को बड़ा संदेश देते हुए कहा कि पहले देश का नाम लेकर खेलें फिर पैसा खुद आ जाएगा। हर कोई आगे बढ़ने का सपना रखता है पर भाग्य का बड़ा रोल होता है, लेकिन आगे बढ़ने वालों को रुकने के बजाए मेहनत करते रहना चाहिए।