लखनऊ, 08 मई (हि.स.)। अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जीतेन्द्रानन्द सरस्वती ने कहा कि काशी ज्ञानवापी के साथ व बाबा विश्वनाथ के साथ सम्पूर्ण हिन्दू समाज खड़ा है। इसलिए काशी ज्ञानवापी की मुक्ति तक संघर्ष चलेगा। उन्होंने कहा कि याचिका वापसी से इस मुक्ति अभियान पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
वैदिक सनातन संघ द्वारा केस वापसी के एलान पर स्वामी जितेन्द्रानन्द सरस्वती ने कहा कि तथाकथित वैदिक सनातन संघ बिक गया है। कितने में बिके। सौदा कितने में तय हुआ,किस अधिकार से उन्होंने याचिका डाली थी यह वैदिक सनातन संघ को स्पष्ट करना चाहिए। राजनैतिक हित साधने के लिए वह याचिका दाखिल करने आये थे। हलांकि काशी की महिलाओं ने केस वापस नहीं लेने को कहा है।
मुकदमे की आड़ में मुसलमानों का बचाव कर रहा वैदिक सनातन संघ
स्वामी जीतेन्द्रानन्द सरस्वती ने हिन्दुस्थान समाचार से कहा कि काशी ज्ञानवापी का मसला न्यायालय से नहीं सुलझेगा। तथाकथित वैदिक सनातन संघ जैसे लोग मुकदमे की आड़ में संविधान की आड़ में ढ़ांचे को सुरक्षित रखना चाहते हैं। इनका प्रयास है कि जब तक भाजपा की सरकार है तब तक इन सारे मुद्दों को न्यायाल में लटका दो। मुकदमा चलता रहेगा तो इनका हल नहीं होगा और जब कांग्रेस की सरकार आ जायेगी तो कोई छू नहीं सकता।
विवादित स्थल के सर्वे पर आपत्ति क्यों ?
अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जीतेन्द्रानन्द सरस्वती ने कहा कि विवादित स्थल का सर्वे नहीं हुआ तो यह विफलता है सर्वे होना ही चाहिए। वहां पर ऐसी छुपाने वाली कोई चीत तो है नहीं।
उन्होंने कहा कि विवादित स्थल का सर्वेक्षण पहली बार नहीं हो रहा है। वर्ष 1937 में दो इतिहासकारों ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर उसके नीचे स्थित तहखाने और पश्चिमी दीवार में प्राचीन मंदिर के भग्नावशेषों का विस्तार से सर्वेक्षण और अध्ययन किया था। दोनों इतिहासकारों की गवाही पर उस समय मुस्लिम पक्ष ने आपत्ति की थी। कहा था कि यदि विशेषज्ञों की आवश्यकता है तो सरकार की बजाए अदालत अपनी तरफ से नियुक्त कर सकती है। उस समय यह स्वीकार्य था तो आज क्यों नहीं।
काशी को दंगे की आग में झोंकने का था प्लान
अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जीतेन्द्रानन्द सरस्वती ने दावा किया कि अराजक तत्वों द्वारा काशी को दंगे की आग में झोंकने का प्लान था। शनिवार को ज्ञानवापी में नमाज पढ़ने के नाम पर पांच हजार लोग बाहर से बुलाये गये थे। प्रशासन ने कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया है।
धर्म के आधार पर बंटे थे हम किस बात के हिन्दू बचे
स्वामी जीतेन्द्रानन्द सरस्वती ने हिन्दुस्थान समाचार से कहा कि मुगल आक्रान्ताओं ने हिन्दुओं के ह्रदय तोड़े, करोड़ों हिन्दुओं की हत्या की, लाखों मंदिरों को ध्वस्त किया। उन्होंने बताया कि तीन हजार ऐसे मंदिर हैं जो चीख—चीफ कर भारतीय संस्कृति में आहत होने का प्रमाण दे रहे हैं जिनसे आंशू टपकते हैं। हम काशी के कपाल भैरव की पूजा भले ही गर्भग्रह में कर लें लेकिन हम कपाल भैरव के सर पर एक छत्र रहने की हैसियत में नहीं हैं। धर्म के आधार पर बंटे थे हम किस बात के हिन्दू बचे हैं। हिन्दुत्व के आधार पर सरकार बनी है। सम्मान से जीने के बीच में शुतुरमुर्ग उभर रहे हैंं और संविधान की आड़ में मुसलमानों का बचाव कर रहे हैं।