मुंबई, 02 मई (हि.स.)। सांसद नवनीत राणा और विधायक रवि राणा की जमानत याचिका पर फैसला मुंबई की सेशन कोर्ट ने बुधवार तक टाल दिया।
राणा दम्पति ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के पैतृक निवास मातोश्री के सामने हनुमान चालीसा पढ़ने का ऐलान किया था। आरोप है कि राणा दम्पति ने ये ऐलान इसलिए किया ताकि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को हिंदुत्व की याद दिला सके। इसके बाद राणा दम्पति पर दो समुदायों के बीच नफरत पैदा करने जैसे कई आरोप लगाकर जेल भेज दिया गया। सांसद नवनीत राणा फिलहाल भायखला स्थित महिला जेल में बंद हैं वही उनके विधायक पति को नवी मुंबई स्थित तलोजा जेल में रखा गया है। राणा दम्पति पर आईपीसी की धारा 15A और 353 के साथ-साथ बॉम्बे पुलिस एक्ट की धारा 135 के तहत एफआईआर दर्ज है। सबसे बड़ी धारा 124 ए (राजद्रोह) की धारा भी लगाई गई है।
राणा दम्पति की ओर से कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ वकील अबद पोंडा और रिजवान मर्चेंट ने कोर्ट में पुलिस के दावों के खिलाफ दलील रखी कि उनके क्लाइंट की नफरत फैलाने की कोई मंशा नहीं थी। उन्होंने कहा कि हर नागरिक को शांतिप्रिय ढंग से सरकार के खिलाफ आवाज उठाने का अधिकार है। हनुमान चालीसा पढ़ने से हिंसा भड़कने की कोई उम्मीद ही नहीं थी।
पुलिस शिकायत का जिक्र करते हुए बचाव पक्ष ने कहा कि उनके पक्षकार मातोश्री के सामने बिना अपने समर्थकों के साथ अकेले ही हनुमान चालीसा पढ़ना चाहते थे। सरकार के खिलाफ हिंसा भड़काने की बात उनके सपनों में भी कभी नहीं आई। वहीं जमानत का विरोध कर रही पुलिस की तरफ से दलील दी गई कि राणा दम्पति ने धर्म के नाम पर हिंसा भड़काने की कोशिश की। फिलहाल राणा दम्पति को सोमवार को बेल मिलेगी। ऐसी उम्मीद जताई जा रही थी लेकिन अब अदालत ने इस मामले की सुनवाई 4 मई तक टाल दी है।