शानदार अभिनय से रुपहले पर्दे पर अपने अभिनय की अमिट छाप छोड़ने वाले दिवंगत अभिनेता इरफान खान आज भले ही इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन दर्शकों के दिलों में वे हमेशा अमर रहेंगे। बहुमुखी प्रतिभा के धनी इरफान खान का जन्म 7 जनवरी,1966 को जयपुर (राजस्थान) में हुआ था। उनके पिता यासीन एक कारोबारी थे। इरफान ने अपनी उच्च शिक्षा के दौरान दिल्ली के ‘नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा’ में दाखिला के लिए फार्म भरा, जहां इरफान का चयन हुआ और यहां से पढ़ाई करने के बाद इरफान ने मुंबई का रुख किया और करियर बनाने के लिए संघर्ष करने लगे। साल 1985 में इरफान ने अभिनय की दुनिया में कदम रखा।उन्होंने दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले धारावाहिक ‘श्रीकांत’ से अपने अभिनय करियर की शुरुआत की। इसके बाद इरफान ने कई मशहूर धारावहिकों में काम किया, जिनमें भारत एक खोज, चाणक्य, चंद्रकांता, बनेगी अपनी बात आदि आदि में अभिनय करते नजर आये।
साल 1988 में आई फिल्म ‘सलाम बॉम्बे’ में छोटी सी भूमिका से इरफान ने बड़े परदे पर कदम रखा। इसके बाद इरफान कई फिल्मों में अभिनय करते नजर आये, जिसमें ‘पान सिंह तोमर’, ‘द लंच बॉक्स’, ‘तलवार’, ‘हिंदी मीडियम’, ‘मकबूल’, ‘स्लमडॉग मिलेनियर’, ‘लाइफ ऑफ पाई’, ‘मुंबई मेरी जान’, ‘साहेब बीवी’ और ‘गैंगस्टर रिटर्नस’ आदि शामिल हैं।इरफान खान ने शानदार अभिनय से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी खास पहचान बनाई है। साल 2011 में इरफान को फिल्म जगत में उनके योगदान के लिए भारत सरकार ने पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया।
इरफान ने 23 फरवरी 1995 में अपनी दोस्त ‘सुतापा सिकंदर’ से शादी की। उनके दो बेटे बाबिल और अयान हैं। अयान ने अपने पिता इरफान के साथ फिल्म ‘लाइफ ऑफ पाई’ में काम किया है। उस वक्त अयान की उम्र महज सात साल थी।वहीं इरफ़ान खान के बड़े बेटे बाबिल फिल्म ‘काला ‘ से बॉलीवुड में डेब्यू करने की तैयारी में हैं, लेकिन अपने बच्चों की उपलब्धि अपनी आँखों से देखने के लिए इरफ़ान अब इस दुनिया में नहीं है।
29 अप्रैल, 2020 को न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर नामक बीमारी से 54 साल की उम्र में इरफान खान का निधन हो गया। इरफान ने अपने पूरे फिल्मी करियर में हर तरह के किरदार को निभाया और उसे अमर बनाया।मनोरंजन जगत में उनके सराहनीय योगदानों के लिए फिल्म इंडस्ट्री हमेशा उनकी ऋणी रहेगी।