बरपेटा (असम), 26 अप्रैल (हि.स.)। बरपेटा के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने मंगलवार को गुजरात के विधायक और कांग्रेस समर्थित नेता जिग्नेश मेवाणी को पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। जिग्नेश मेवाणी को दो मई को फिर से अदालत में पेश किया जाएगा।
जिग्नेश मेवाणी को बरपेटा रोड थाने में दर्ज एक मामले में कोकराझार पुलिस से बरपेटा पुलिस ने अपनी हिरासत में लिया था। उनकी हिरासत की मांग करते हुए आज बरपेटा के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पुलिस ने उन्हें पेश किया। अदालत में सरकारी पक्ष की दलील अधिवक्ता माखन फुकन और कुंतला देवी पटवारी ने रखी। उसके बाद अदालत ने जिग्नेश मेवाणी को पांच दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया और उन्हें दो मई को फिर से अदालत में पेश होने का आदेश दिया। इस बीच जिग्नेश मेवाणी के अधिवक्ता अंशुमान बोरा ने जमानत की अर्जी दाखिल की लेकिन अदालत ने इसे खारिज कर दिया।
उल्लेखनीय है कि गुजरात से गिरफ्तारी के बाद कोकराझार की अदालत ने मेवाणी को तीन दिनों की पुलिस हिरासत में भेजा था। रिमांड की अवधि गत रविवार को समाप्त हो गयी। इसके चलते पुलिस ने रविवार की रात को उन्हें कोकराझार के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के घर पर पेश किया। अदालत ने सोमवार को अदालत में हाजिर करने का निर्देश दिया। सोमवार को अदालत ने मेवाणी को जमानत पर रिहा कर दिया।
इस बीच सोमवार को पहले से मौके पर मौजूद बरपेटा पुलिस ने एक महिला कांस्टेबल के साथ दुर्व्यवहार के मामले में मेवाणी को गिरफ्तार कर बरपेटा सदर थाने ले आई। मंगलवार को बरपेटा के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने पुलिस ने पेश किया। जहां से उन्हें पांच दिनों की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया। बरपेटा के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में मेवाणी को पेश किये जाने के समय कांग्रेस सहित विभिन्न पार्टियों एवं संगठनों के कार्यकर्ताओं ने विधायक की रिहाई की मांग को लेकर नारेबाजी और प्रदर्शन भी किया।
पुलिस ने विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम में शामिल बरपेटा के सांसद अब्दुल खालेक, कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और विधायक जाकिर हुसैन, विधायक अब्दुर रहीम अहमद सहित कई कांग्रेस नेताओं को हिरासत में ले लिया। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच काफी गर्मा-गरम बहस भी हुई। इस दौरान बरपेटा के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत परिसर के पास कांग्रेस ने एक विरोध रैली निकालकर भी अपना विरोध दर्ज कराया।