सिंगापुर/नई दिल्ली, 26 अप्रैल (हि.स.)। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला के नेतृत्व में भारतीय संसदीय शिष्टमंडल ने आज अपने दक्षिण पूर्वी एशिया के दौरे के छठे दिन सिंगापुर के एमिरेट्स सीनियर मिनिस्टर गोह चोक टोंग से द्विपक्षीय बैठक की।
इस अवसर पर बिरला ने भारत और सिंगापुर के बीच सदियों पुराने मैत्रीपूर्ण संबंधों का उल्लेख करते हुए कहा कि दोनों देश के आपसी सम्बन्ध मजबूत, पीपुल टू पीपुल संपर्कों तथा साझे हितों के बल पर लगातार सशक्त हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत में विदेशी कंपनियों के लिए काम करने के पर्याप्त अवसर है।
बिरला ने इस बात पर जोर दिया कि द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए दोनों देशों की सांसदों के बीच और अधिक संवाद की आवश्यकता है। इस विषय में श्री बिरला ने आगे कहा कि नियमित संवाद से एक दूसरे की सांसदों के बेहतर आचरण साझा कर प्रभावी विधायिका के निर्माण के लिए कार्य किया जा सकता है। संसदीय कूटनीति पर ज़ोर देते हुए बिरला ने कहा कि दोनों देशों की सांसदों के शिष्टमंडलों के दौरों को बढ़ावा देने के लिए द्विपक्षीय संसदीय मैत्री समूह की स्थापना पर विचार किया जा रहा हैं। श्री बिरला ने आगे कहा की लोकतांत्रिक देशों की सांसदों के बीच नियमित संवाद पूरे विश्व में लोकतंत्र को सशक्त करने के लिए एक आवश्यक कदम है I
भारत और सिंगापुर के बीच घनिष्ठ एवं सशक्त आर्थिक व्यापारिक संबंध के विषय में बिरला ने कहा कि दोनों देशों के प्रयासों से एफडीआई एवं द्विपक्षीय व्यापार में निरंतर वृद्धि हो रही है। उन्होंने आगे कहा कि द्विपक्षीय व्यापारिक हितों के लिए भारत-सिंगापुर व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है।
लोकसभा अध्यक्ष ने सिंगापुर में बड़ी संख्या में भारतीय नागरिक और सिंगापुर में उनके आर्थिक समृद्धि में योगदान का उल्लेख करते हुए आशा व्यक्त की कि सिंगापुर भविष्य में भी भारतीय मूल के लोगों के लिए सुविधाजनक स्थान बना रहेगा।
भारत में उभरते नए आर्थिक अवसरों के विषय में बिरला ने कहा कि भारत में विदेशी कंपनियों के लिए काम करने के पर्याप्त अवसर हैं तथा भारत विश्व सप्लाई चेन, इंफ्रास्ट्रक्चर, फिनटेक, नवीकरणीय ऊर्जा, स्मार्ट सिटी, सूचना प्रौद्योगिकी, स्टार्ट-अप तथा अनुसंधान और विकास जैसे क्षेत्रों में सिंगापुर के साथ व्यापक सहयोग के लिए तत्पर हैं। उन्होंने आगे कहा कि प्रतिरक्षा एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी सहयोग के पर्याप्त अवसर हैं जिनका लाभ सिंगापुर की कंपनियां एवं उद्यमी उठा सकते हैं।
बिरला ने आसियान-भारत संबंधों को बढ़ावा देने में सिंगापुर द्वारा निभाई गई सकारात्मक भूमिका की सराहना की ।