नई दिल्ली, 25 अप्रैल (हि.स.)। यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयन ने यूक्रेन में युद्ध के लिए रूस को जिम्मेदार ठहराया तथा तेल और गैस हासिल करने के लिए रूस पर निर्भरता की ओर संकेत करते हुए कहा कि ऊर्जा सुरक्षा के नाम पर किसी देश को ब्लैकमेल करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
उन्होंने वैकल्पिक और हरित ऊर्जा के लिए भारत में किये जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ये संकल्प व्यक्त किया है कि आजादी के शताब्दी वर्ष (2047) तक भारत ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो जाएगा। यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष ने हिन्द प्रशांत क्षेत्र में चीन की चुनौतियों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि यूक्रेन के घटनाक्रम का असर हिन्द प्रशांत क्षेत्र में भी पड़ेगा। मुक्त स्वतंत्र समृद्ध और नियम आधारित हिन्द प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने के लिए लोकतांत्रिक देशों को मिलकर काम करना चाहिए।
उर्सुला वॉन डेर लेयन ने यहां आयोजित सातवें रायसीना संवाद के उद्घाटन सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर और विभिन्न देशों के वर्तमान और पूर्व नेताओं तथा राजनयिक इस तीन दिवसीय संवाद के उद्घाटन सत्र में उपस्थित थे। इसका आयोजन विदेश मंत्रालय और ऑब्जर्बर रिसर्च फाउंडेशन ने मिलकर किया है।
अपने संबोधन में उर्सुला वॉन डेर लेयन ने यूक्रेन में जारी संघर्ष पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने यूक्रेन के संघर्ष के लिए रूस को जिम्मेदार ठहराया। यूरोपीय राजनयिक ने कहा कि दुनिया के लोकतांत्रिक देशों को यह फैसला करना है कि वे अंतरराष्ट्रीय कानूनों और विधि के शासन के आधार वाली विश्व व्यवस्था चाहते हैं अथवा जिसकी लाठी उसकी भैंस जैसी शक्ति पर आधारित विश्व व्यवस्था।
उन्होंने रूस और चीन के बीच गठजोड़ के संबंध में भी विभिन्न देशों को सावधान किया। उन्होंने कहा कि यूक्रेन पर हमला करने के पहले रूस ने चीन के साथ अपने संबंधों को पुख्ता बनाया था। उन्होंने यूक्रेन पर रूस के हमले को यूरोप सहित पूरी दुनिया के लिए खतरा बताया। रूस की इस कार्रवाई के कारण उस पर पश्चिमी देशों की ओर से सख्त प्रतिबंध लगाये गये हैं।