पेरिस, 24 अप्रैल (हि.स.)। फ्रांस में राष्ट्रपति चुनाव के दूसरे दौर के मतदान में स्थानीय समयानुसार शाम 5 बजे तक 63.23 फीसदी वोटिंग हुई। जानकारी के मुताबिक यह मतदान वर्ष 2017 के चुनाव में इसी समय दर्ज किए गए 65.30 प्रतिशत से 2 फीसदी कम है। इमैनुएल मैक्रॉन और मरीन ली पेन के बीच इस साल के अंतिम वोटिंग में 50 से अधिक वर्षों में सबसे अधिक गिरावट दर्ज की गई है।
फ्रांस के मुख्य मतदान संस्थानों इप्सोस और इफोप ने रविवार को कहा कि उन्होंने दिन के अंत में 28 फीसदी की संभावित बहिष्कार दर देखी है।
मतदान सुबह 8 बजे शुरू हुआ और रात 8 बजे समाप्त होगा। विश्लेषकों का कहना है कि कम मतदान अंतिम परिणाम को लेकर अनिश्चितता बढ़ा देता है।
उल्लेखनीय है कि फ्रांस की राजनीति का असर यूक्रेन पर स्पष्ट नजर आएगा। फ्रांस ऐसा देश है जिसने रूस के खिलाफ आगे बढ़कर प्रतिबंध लगाए। इसके अलावा उसने बातचीत के जरिए हल निकालने के भी प्रयास किए।
फ्रांस में बहुत सारे लोग ली पेन को कट्टरपंथी मानते हैं। मुसलमानों के हिजाब पर रोक हो या फिर रूस के साथ समझौते, लोग इन मामलों को लेकर ली पेन को लोकतंत्र विरोधी बताते हैं। ऐसे में धुर दक्षिणपंथी उम्मीदवार मरीन ली पेन की राह मुश्किल नजर आ रही है। लगभग सभी ओपीनियन पोल में 44 वर्षीय मैक्रॉन की जीत का अनुमान जताया जा रहा है। हालांकि वह कितने मतों के अंतर से अपनी प्रतिद्वंद्वी को हरा सकते हैं, इसे लेकर असमंजस बरकरार है।