नई दिल्ली, 22 अप्रैल (हि.स.)। केन्द्रीय परिवार एवं स्वास्थ्य कल्याण और रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया ने शुक्रवार को कहा कि दवा निर्माण के लिए आवश्यक कच्चे माल पर विदेशी निर्भरता में 25 फीसदी तक कमी आई है। उन्होंने कहा कि औषधि क्षेत्र के लिए शुरू की गई प्रोत्साहन-संबद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत 35 एपीआई का घरेलू स्तर पर ही उत्पादन शुरू हो गया है। ये रसायन उन 53 एपीआई का हिस्सा हैं, जिनके लिए भारत 90 फीसदी तक आयात पर निर्भर रहा है।
25 अप्रैल से 27 अप्रैल तक 7वां इंडिया फार्मा 2022 सम्मेलन के बारे में जानकारी देते हुए डॉ. मनसुख मंडाविया ने कहा कि इस सम्मेलन का उद्देश्य देश में फार्मा इंडस्ट्री के विकास के लिए रोडमैप तैयार करना है। इस क्षेत्र में आयात पर निर्भरता को कम करके दवाओं और मेडिकल उपकरणों को सस्ता करने का भी लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए रिसर्च पॉलिसी भी तैयार की जा रही है ताकि नई शोध को बढ़ावा मिल सकें।
उल्लेखनीय है कि अम्बेडकर भवन में 25 से 27 अप्रैल तक 7वें इंडिया फार्मा 2022 का सम्मेलन होने जा रहा है। इस सम्मेलन में दवा और मेडिकल डिवाइस की कंपनियां भाग ले रही हैं।