नई दिल्ली , 22 अप्रैल (हि.स.)। जहांगीरपुरी इलाके में हुई हिंसा मामले की जांच में जुटी दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा अब साजिश रचने व वारदात को अंजाम के लिए इंटरनेट कॉलिंग करने वाले संदिग्धों का पता लगाने में जुट गई है। इसके लिए पुलिस इंटरनेट प्रॉटोकॉल डिटेल रिकॉर्ड (आईडीपीआर) के जरिये संदिग्धों का पता लगा रही है।
दरअसल जांच में जुटी पुलिस टीम आईपीडीआर की मदद से यह जानकारी जुटाने में लगी कि, जिस दिन हिंसा हुई थी, उस दिन कितने फोन इलाके में लगे मोबाइल टावर से इंटरनेट के जरिए सक्रिय थे। चूंकि जांच एजेंसियों को चकमा देने के लिए कई बार अपराधी या फिर गिरोह के सरगना सामान्य कॉल पर बात न करके, इंटरनेट कॉलिंग करते हैं।
इसलिए पुलिस हिंसा वाले दिन का आईपीडीआर निकाल कर पता लगा रही है उस दिन कितनी इंटरनेट कॉलिंग हुई थी और किन नंबरों का ज्यादा इस्तेमाल हो रहा था। जांच टीम यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या उस इलाके में हिंसा वाले दिन ज्यादा बाहरी नंबर तो सक्रिय नहीं थे ? ताकि पता चल सके की हर रोज के मुताबिक क्या उस दिन बाहर से आने वाले लोगों बाहरी नंबर से इलाके में होने वाली कॉल की संख्या क्या कितनी थी और उन कॉलर की भूमिका क्या थी ? इसका पता लगाने की कोशिश कर रही है।
कई हार्डकोर गैंगस्टर भी थे शामिल
हिंसा के वक्त हिंसा में कई हार्डकोर गैंगस्टर और नामी बदमाश शामिल थे। इन तमाम बदमाशों पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं, इतना ही नहीं इनमें से कई तिहाड़ जेल में पहले सजा काट चुके हैं। घटना के वक्त इन्होंने भी उपद्रवियों का जमकर साथ दिया। हिंसा के बाद ये लोग फरार भी हो गए थे। पुलिस ने ऐसे करीब 20 बदमाशों की धरपकड़ के लिए कई टीमों को लगाया है। पुलिस अंसार से भी इन तमाम बदमाशों और गैंगस्टर के बारे में पूछताछ करने में जुटी है।