नई दिल्ली, 19 अप्रैल (हि.स.)। विश्व धरोहर दिवस के मौके पर राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण ने इतिहास के पन्नों में गुम हो गए तोमर राजा अनंगपाल द्वितीय की विरासत पर एक हेरिटेज वॉक का आयोजन किया। चर्चित राजा पृथ्वी राज चव्हाण अनंगपाल द्वितीय के परपोते थे।
इस मौके पर प्राधिकरण के अध्यक्ष तरुण विजय ने कहा कि अनंग ताल सबसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्मारकों में से एक है जो हमें दिल्ली की शुरुआत से जोड़ता है। हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के दृष्टिकोण के अनुसार विश्व विरासत दिवस मना रहे हैं। अनंग ताल की महिमा और दिल्ली के महान हिंदू राजा से संबंधित स्मारकों को फिर से स्थापित कर रहे हैं। महाराजा अनंग पाल तोमर के स्मारकों को पुनर्जीवित करना एक प्रमुख आंदोलन है जिसे एनएमए ने उठाया है। उन्होंने कहा कि संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने राजा अनंग पाल और उनसे संबंधित स्मारकों में गहरी रुचि ली है, इसलिए, हमें यकीन है कि इस महान ऐतिहासिक झील अनंग ताल को पुनर्जीवित किया जाएगा और राजधानी में सबसे अधिक देखी जाने वाली स्मारक बन जाएगी।
हेरिटेज वॉक में शामिल भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के पूर्व अतिरिक्त महानिदेशक डॉ. बीआर मणि ने बताया कि अनंगपाल द्वितीय ने इंद्रप्रस्थ को बसाने में और इसे इसका वर्तमान दिल्ली नाम देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। दक्षिणी दिल्ली में लालकोट और अनंग ताल की साल 1992 और 1995 के बीच खुदाई की गई। अनंग पाल तोमर के पूर्वजों का जुड़ाव महाभारत काल के पांडवों तक जाता है। इस क्षेत्र के इतिहास से पता चलता है कि अनंग पाल द्वितीय ने धिल्लिकापुरी की स्थापना की थी जो बाद में चल कर दिल्ली बन गई।