हनोई 19 अप्रैल (हि. स.)। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला मंगलवार को वियतनाम की तीन दिवसीय यात्रा पर भारतीय संसदीय शिष्टमंडल के साथ मंगलवार को हनोई पहुंचे। अपनी यात्रा के पहले दिन बिरला ने वियतनाम के राष्ट्रपति महामहिम गुयेन जुआन फुक, प्रधान मंत्री फाम मिन्ह चिन और वियतनाम की नेशनल असेंबली के अध्यक्ष वुओंग दीन्ह ह्यू से मुलाकात की।
वियतनाम के राष्ट्रपति महामहिम गुयेन जुआन फुक के साथ अपनी बैठक में बिरला ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध 2016 में एक ” व्यापक रणनीतिक साझेदारी” में बदले। उन्होंने आगे कहा कि शांति और समृद्धि के लिए संयुक्त दृष्टि को गुयेन जुआन फुक और प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 2021 में अनुमोदित किया गया था। बिरला ने उल्लेख किया कि व्यापक रणनीतिक साझेदारी में राजनीतिक संबंध, व्यापार और निवेश , ऊर्जा सहयोग, विकास के लिए साझेदारी और रक्षा सहयोग शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि भारत और वियतनाम के बीच चुनौतीपूर्ण वैश्विक परिस्थितियों में आपसी सहयोग की लंबी परंपरा रही है और कोविड-19 महामारी के विरुद्ध संघर्ष में, दोनों ने एक दूसरे की सहायता की है। बिरला ने आगे कहा कि भारत और वियतनाम के आर्थिक संबंधों में पिछले कुछ वर्षों में वृद्धि हुई है तथा कोविड महामारी के कारण हुए व्यवधान के बावजूद, दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार पिछले वर्ष 13 बिलियन डॉलर से अधिक रहा।
बिरला ने यह भी उल्लेख किया कि दोनों देशों के बीच सामान्य हितों पर आधारित रक्षा साझेदारी महत्वपूर्ण रूप से बढ़ी है तथा रक्षा प्रौद्योगिकी और तकनीकी सहयोग सहित नए क्षेत्रों में विस्तारित हुई है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि भारत और वियतनाम के बीच मजबूत द्विपक्षीय रक्षा सहयोग अंतरराष्ट्रीय शांति, क्षेत्रीय सुरक्षा और समृद्धि में योगदान देगा।
लोकसभा अध्यक्ष ने वियतनाम के प्रधान मंत्री महामहिम फाम मिन्ह चिन से भी मुलाकात की और द्विपक्षीय मामलों पर व्यापक चर्चा की। आर्थिक और व्यापार सहयोग के बारे में बोलते हुए बिरला ने कहा कि भारतीय निवेशकों की वियतनाम में गहरी दिलचस्पी है । उन्होंने प्रधान मंत्री से उनके लिए अनुकूल परिस्थितियां बनाने का आग्रह किया जिससे निवेश को प्रोत्साहित किया जा सके।
बिरला ने आगे कहा कि भारत और वियतनाम ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अस्थायी सदस्यों के रूप में वैश्विक मुद्दों को उठाने में एक-दूसरे का सहयोग किया है। उन्होंने कहा कि दोनों देश स्वतंत्र, शांतिपूर्ण, समृद्ध, समावेशी और नियम-आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र की दिशा में आसियान के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने टिप्पणी की कि इंडो-पैसिफिक ओशन इनिशिएटिव (आईपीओआई) और इंडो-पैसिफिक (एओआईपी) पर आसियान के आउटलुक के माध्यम से इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति और सहयोग बढ़ा है। इससे पहले, बिरला का वियतनाम की नेशनल असेंब्ली में एक पारंपरिक समारोह में स्वागत किया गया जहां उन्होंने नेशनल असेंब्ली के अध्यक्ष वुओंग दिन्ह ह्यू से बातचीत की।
नियमित द्विपक्षीय संसदीय आदान-प्रदान पर जोर देते हुए, बिरला ने कहा कि नियमित दौरे विचारों को साझा करने और विधायी सहयोग को मजबूत करने का अवसर प्रदान करते हैं। उन्होंने बताया कि इस उद्देश्य के लिए नियमित पारस्परिक आदान-प्रदान के माध्यम से दोनों देशों की संसदों के बीच आपसी संबंधों को एक नया आयाम प्रदान करने के लिए भारत-वियतनाम मैत्री समूह का गठन किया जा रहा है।