संक्रमित सूअरों को मारने की हुई व्यवस्था
अगरतला, 19 अप्रैल (हि.स.)। त्रिपुरा में अफ्रीकन स्वाइन फ्लू का प्रकोप दिख रहा है। ऐसे में सिपाहीजला जिला के देबीपुर फार्म में सुअरों को मारने की प्रक्रिया शुरू की गयी है। लैब की रिपोर्ट आ चुकी है। रिपोर्ट में अफ्रीकन स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। इसके चलते सूअरों को मारने की तैयारी की जा चुकी है। केंद्र सरकार से पत्र मिलने के बाद शुरू होगा सूअरों को मारने के बाद उन्हें दफनाया जाएगा। पशु कल्याण विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक देबीपुर फार्म समेत आसपास के पांच गांवों के सभी सूअरों का वध किया जाएगा।
अधिकारी के अनुसार देबीपुर सुअर प्रजनन केंद्र में 265 बड़े और 185 छोटे सुअर थे। इसमें ग्रेट ब्रिटेन से आयातित 54 उच्च गुणवत्ता वाले सूअर भी शामिल हैं। केंद्र में पिछले 25 मार्च से सुअरों की मौत शुरू हुई थी। अब तक 63 सुअरों की मौत हो चुकी है। इसलिए सुअर प्रजनन केंद्र एवं प्रशासन में हड़कंप मच गया है।
अधिकारी ने दावा किया कि सुअर के नमूने 7 अप्रैल को गुवाहाटी की एक लैब में भेजे गए थे। वहां से सैंपल भोपाल भेजे गए हैं। सैंपल की रिपोर्ट आ चुकी है। इसमें अफ्रीकन स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। अब इस विषय पर केंद्र सरकार का पत्र राज्य में जैसे ही आएगा, सूअरों के सामूहिक वध की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
अधिकारी के अनुसार देबीपुर सुअर प्रजनन केंद्र में सोमवार को 8 फीट लंबा और 8 फीट चौड़ा गड्ढा खोदा गया है। सूअरों को मारकर उस गड्ढे में दफना दिया जाएगा। सोमवार को पशु कल्याण विभाग के सिपाहीजला जिला उप निदेशक और अभयनगर स्थित राज्य रोग जांच प्रयोगशाला के एक अधिकारी ने फार्म का दौरा किया। उन्होंने सूअरों के वध करने की सारी तैयारियां पूरी कर ली हैं।
इस बीच देबीपुर सुअर प्रजनन केंद्र में अफ्रीकन स्वाइन फ्लू फैलने की वजह को लेकर सवाल उठे हैं। शुरुआत में सुअर फार्मों को घटिया खाद्य आपूर्ति के आरोप लगे थे। खराब गुणवत्ता वाला भोजन उपलब्ध कराने के परिणामस्वरूप सूअरों की रोग प्रतिरोधक क्षमता ठीक से विकसित नहीं हो पायी है। साथ ही सूअरों की जैविक सुरक्षा को लेकर भी कई सवाल उठे हैं।
अधिकारी ने कहा कि देबीपुर सुअर प्रजनन केंद्र के बगल में एक गाय संरक्षण फार्म है। वहां विभिन्न कुप्रबंधन के कारण संक्रमण सुअर प्रजनन केंद्र में फैल गया है। नतीजतन, अफ्रीकन स्वाइन प्लू फैलने में सक्षम हो गया है। अधिकारी के मुताबिक केंद्र द्वारा पत्र भेजे जाने के बाद सूअरों मारना शुरू हो जाएगा। ऐसे में उस फार्म के आसपास के 5 गांवों में सभी सूअरों का वध किया जाएगा। इसके लिए ग्रामीणों को आवश्यक मुआवजा दिया जाएगा। आसपास बीमारी नहीं फैल जाए, प्रशासन इस पर कड़ी नजर रखे हुए है।