हैदराबाद, 13 अप्रैल (हि.स.) । हैदराबाद की एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने भड़काऊ भाषण (हेट स्पीच) से जुड़े दो मामलों में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी को बुधवार को बरी कर दिया। ये मामले करीब 10 साल पुराने हैं। अकबरुद्दीन एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी के भाई हैं।
इससे पहले स्पेशल कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई के बाद फैसला बुधवार तक के लिए टाल दिया था। निर्णय सुनाए जाने के दौरान कोई अप्रिय घटना न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए पुलिस ने नामपल्ली अदालत परिसर और उसके आसपास सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए।
सांसदों और विधायकों के खिलाफ सुनवाई करने वाली विशेष सत्र अदालत ने कहा कि मामले में तकनीकी साक्ष्य जुटाए गए लेकिन निजामाबाद और निर्मल टाउन पुलिस ने आरोप पत्र में उन पर लगाए गए आरोपों को साबित करने विफल रही। अदालत ने अपने फैसले में भविष्य में ऐसे भड़काऊ भाषण न देने की हिदायत दी। अदालत ने कहा कि इस मामले में आरोपित को बरी करने पर इस फैसले को उसकी जीत नहीं मानना चाहिए बल्कि यह समझा कि अदालत उन्हें क्षमा कर रही है।
अकबरुद्दीन ओवैसी एआईएमआईएम के नेता और तेलंगाना विधानसभा के सदस्य हैं। अकबरुद्दीन ने निजामाबाद में 8 दिसंबर, 2012 और निर्मल टाउन में 22 दिसंबर, 2012 को भड़काऊ भाषण दिया था। उनके खिलाफ निजामाबाद और निर्मल टाउन क्षेत्र में कथित रूप से भड़काऊ भाषण देने का मामला भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के तहत वर्ष 2012 में दर्ज किया गया था। उसके बाद उनकी गिरफ्तारी की गई लेकिन वह जमानत पर जेल से बाहर रहे। अपराध जांच शाखा सीआईडी ने निजामाबाद मामले की जांच करके वर्ष 2016 में आरोप पत्र दाखिल किया था। इसी तरह निर्मल टाउन मामले में भी जिला अदालत में वर्ष 2016 में आरोप पत्र दाखिल किया गया था।