नई दिल्ली, 12 अप्रैल (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सरकार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी ने कहा कि भारत हमेशा से चिंतन, व्यवहार, सभ्यता में अग्रणी रहा है।
भैयाजी जोशी ने मंगलवार को शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान के साथ न्यायमूर्ति एस. एन. अग्रवाल द्वारा लिखी गई पुस्तक ”भारत की आजादी में क्रांतिकारियों की शहादत” का लोकार्पण किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आजादी के संघर्ष का बीज 1857 में बोया गया और कश्मीर से कन्याकुमारी तक सभी साधारण जनमानस ने एक सैनिक की भांति इस संघर्ष में भाग लिया। जो विश्व में अनूठा उदाहरण है। इस संघर्ष को महान क्रांतिकारियों ने अपने बलिदान से सींचा और 90 वर्षों बाद 1947 में जाकर देश को आजादी मिली।
उन्होंने कहा कि भारत हमेशा से अपने चिंतन, व्यवहार, सभ्यता में अग्रणी रहा है। आज इस अमृत वर्ष में हम सबको अपनी युवा शक्ति के बल पर देश को आगे ले जाना है और आने वाली चुनौतियों से संघर्ष करने के लिए युवाओं को दिशा देनी है। हमारा इतिहास महा तपस्वी लोगों और शोधकर्ताओं का रहा है और अपने संस्कारों के माध्यम से ही हम आने वाले समय में देश के लिए मरने वाले नहीं बल्कि देश के लिए जीने वाले बनेंगे और एक जीवंत भारत को भविष्य की पीढ़ी के लिए तैयार करेंगे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि कानून की स्थापना करने में दस्तावेज का विशेष महत्व है। न्यायमूर्ति एस. एन. अग्रवाल द्वारा लिखी गई पुस्तक ”भारत की आजादी में क्रांतिकारियों की शहादत” आजादी की लड़ाई में क्रांतिकारियों के साथ हुए अत्याचारों का दस्तावेज है ।
उल्लेखनीय है कि देश की आजादी के लिए शहीद हुए क्रांतिकारियों की शहादत को याद करते हुए आज दिल्ली के एनडीएमसी कन्वेंशन सेन्टर में आजादी के अमृत महोत्सव पर भारत विकास परिषद के तत्वाधान में पुस्तक का विमोचन किया गया।
इस पुस्तक में न्यायमूर्ति अग्रवाल द्वारा ब्रिटिश शासन में ब्रिटिश शासकों द्वारा ब्रिटिश कानून की धज्जियां उड़ा कर भारत की आजादी में क्रांतिकारियों को जो असहनीय प्रताड़ना, जुल्म व अत्याचार किए गए थे। उनका विस्तार से उल्लेख किया गया है।