इंदौर, 11 अप्रैल (हि.स.)। मध्यप्रदेश देश के सबसे बड़े गेहूं उत्पादक प्रदेशों में अव्वल स्थान पर है। अब यहां के गेहूं के निर्यात की अपार संभावनाएं हैं। मध्यप्रदेश के गेहूं के निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयास अब रंग लाते दिख रहे हैं। इन्हीं प्रयासों के सिलसिले में सोमवार को इजिप्ट के वरिष्ठ अधिकारियों का दल इंदौर पहुंचा है। इस दल ने निर्यातकों और व्यापारियों तथा अधिकारियों से गेहूं के संबंध में चर्चा की। उन्होंने गेहूं के भण्डारण, उसकी शुद्धता और गुणवत्ता के संबंध में भी विस्तार से जानकारी ली।
मुख्यमंत्री चौहान की पहल पर इजिप्ट से आए प्रतिनिधिमण्डल में सुपरवाइजर ऑफ द पेस्ट रिस्क एनालिसिस यूनिट एट द सेंट्रल डिपार्टमेंट फॉर एग्रीकल्चर क्वारंटाइन इंजीनियर इस्लाम फरहत अब्देल अजीज अबो एल इला, इंस्पेक्टर ऑफ एग्रीकल्चर क्वारंटाइन एट द सेंट्रल डिपार्टमेंट फॉर एग्रीकल्चर क्वारंटाइन डॉ. सालेह अब्देल सतर बहिग अहमद तथा इंजीनियर अहमद रबिया अब्दुल्ला अब्देल कादर शामिल थे।
इजिप्ट के दल ने चर्चा के दौरान कहा कि मध्यप्रदेश से गेहूं के निर्यात के संबंध में व्यापक स्तर पर विचार विमर्श जारी है। गंभीरता से पहल की जा रही है। मध्यप्रदेश के व्यापारी और निर्यातक इजिप्ट जाकर निर्यात की पहल को अमलीजामा देंगे। पॉवर पाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से दल के सदस्यों ने जानकारी प्राप्त की और संतुष्टि प्रकट की।
इस अवसर पर इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह, वाना टेरिटरी के नोडल अधिकारी एवं एपीईडीए मंत्रालय ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्री भारत सरकार डॉ. सीबी सिंह, मध्यप्रदेश मण्डी बोर्ड के एडिशनल एमडी डीके नागेंद्र तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी मण्डी बोर्ड सीएस वशिष्ठ, प्रशांत वाघमारे, पीयूष शर्मा, महेंद्र सिंह चौहान, नरेश परमार, प्लांट प्रोटेक्शन सलाहकार डॉ. रवि प्रकाश और प्लांट क्वारंटाइन संयुक्त निदेशक डॉ. संजय आर्य भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर बताया गया कि मध्यप्रदेश में किसानों, व्यापारी और निर्यातकों के हित में गेहूं के निर्यात को लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री चौहान ने हाल ही में कृषि निर्यात को प्रोत्साहित कर प्रदेश के किसानों को उनकी उपज गेहूं के बेहतर मूल्य दिलाने एवं राष्ट्रीय निर्यातकों, कृषि उद्योगों को प्रदेश में बढ़ावा देने के लिये आमंत्रित करने के उद्देश्य से पात्र निर्यातकों को मण्डी फीस की प्रतिपूर्ति प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में राजपत्र में अधिसूचना का प्रकाशन भी कर दिया गया है।
कलेक्टर मनीष सिंह ने मध्यप्रदेश विशेषकर मालवा-अंचल और इंदौर से गेहूं निर्यात के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने यहां उत्पादित गेहूं की विशेषताओं के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश से गेहूं निर्यात की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान परिस्थितियों केा देखते हुए मध्यप्रदेश से लगभग 20 से 30 प्रतिशत गेहूं के निर्यात को बढ़ाया जा सकता है। इजिप्ट से आए दल ने बैठक के पश्चात सेंट्रल वेयर हाउस का अवलोकन किया। यहां उन्होंने के भण्डारण, शुद्धता एवं गुणवत्ता को परखा।