हिसार, 08 अप्रैल (हि.स.)। हरियाणा रोडवेज संयुक्त कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांझा मोर्चा के वरिष्ठ नेता दलबीर किरमारा ने राज्य सरकार से फिर मांग की है कि वह अपनी कर्मचारी विरोधी, जनविरोधी व विभाग विरोधी नीतियों में परिवर्तन करें। उन्होंने कहा कि राष्ट्रव्यापी हड़ताल के दौरान कर्मचारी वर्ग अपने रोष को जाहिर कर चुका है, ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह कर्मचारी वर्ग व आम जनता के रोष को और ज्यादा न भडक़ाए।
सरकार की नीतियों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए दलबीर किरमारा ने शुक्रवार को कहा कि पिछले कुछ वर्षों से केन्द्र व प्रदेश सरकार जनविरोधी व कर्मचारी विरोधी नीतियों अपना रही है। केन्द्र व प्रदेश में भाजपा नेतृत्व वाली सरकारें आने के बाद इन नीतियों की गति और तेज कर दी गई है, जिसका नतीजा यह हुआ कि सार्वजनिक क्षेत्र के अनेक विभाग निजी हाथों में दे दिए गए, कर्मचारियों की छंटनी कर दी गई, खाली पदों पर स्थाई भर्तिया करने की बजाय ठेका प्रथा के माध्यम से युवाओं का शोषण शुरू कर दिया गया और सार्वजनिक क्षेत्र की सुविधाएं जनता से दूर कर दी गई। उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग का जिस समय राष्ट्रीयकरण किया गया था, उस समय तय किया गया था कि यह विभाग जनसुविधा के लिए है, लाभ के लिए नहीं लेकिन बाद में विभिन्न सरकारों ने विभाग में घाटे का बहाने से विभाग का अघोषित निजीकरण शुरू कर दिया, जिसका नतीजा यह हुआ कि आज विभाग बर्बादी के कगार पर है।
दलबीर किरमारा ने कहा कि रोडवेज कर्मचारियों की कड़ी मेहनत से यह विभाग बुलंदियों पर पहुंचा, 30 से ज्यादा श्रेणियों को निशुल्क यात्रा की छूट के बावजूद विभाग की आय अच्छी खासी रही लेकिन सरकार की नीतियों व भ्रष्टाचार के चलते विभाग को लगातार नुकसान में दर्शाया गया। उन्होंने कहा कि जिस भी दल की सरकार आई, उसने अपने फायदे के लिए किसी न किसी श्रेणी को निशुल्क यात्रा की छूट की घोषणा की, रोडवेज कर्मचारियों ने सरकार के आदेश माने लेकिन सरकार ने वह सबसिडी रोडवेज में जमा नहीं करवाई, जो निशुल्क यात्रा के बदले दी जानी चाहिए थी।